Advertisement
09 July 2016

एच-1बी वीजा: अमेरिका ने दिया भारतीय आईटी कंपनियों झटका

गूगल

दिग्गज भारतीय आईटी कंपनियों का आर्थिक मॉडल एच-1बी वीजा और एल1 वीजा पर आधारित होता है। इस विधेयक से इन कंपनियों की आर्थिक सेहत पर असर पड़ सकता है। राष्ट्रपति बराक ओबामा के हस्ताक्षर से पहले इसे सीनेट से पारित कराना होगा। फिलहाल इसे सदन में पेश नहीं किया गया है। इस बिल को पेश करने वाले दोनों सांसद अलग-अलग राज्यों से हैं, जहां बड़ी संख्या में भारतीय एच-1बी वीजा पर कार्य करते हैं। 
अमेरिकी सांसद पास्क्रेल ने कहा, 'अमेरिका बड़े पैमाने पर स्किल्ड और हाईटेक प्रफेशनल तैयार कर रहा है। इन लोगों के पास बेहतर डिग्रियां हैं, लेकिन नौकरियों के अवसर नहीं हैं। 'इनसोर्सिंग' और विदेशी वर्कर्स के अधिकारों का हनन कर कुछ कंपनियां वीजा प्रोग्राम का फायदा उठा रही हैं। इसके जरिए वह हमारी वर्कफोर्स को महत्व नहीं दे रहीं और अधिक मुनाफा कमा रही हैं।' 
सांसद ने कहा, 'बिना किसी की आलोचना किए हमारे बिल में इस बात का प्रस्ताव है कि अमेरिकी वर्कर्स को गलत तरीके से हटाया जाना और वीजा वर्कर्स का उत्पीड़न किया जाना अस्वीकार्य है।' अमेरिकी सांसदों पास्क्रेल और रोहराबेशर ने वर्ष 2010 में भी इस तरह का बिल पेश किया था। लेकिन अमेरिकी सांसद में इस बिल को पर्याप्त समर्थन नहीं मिल सका था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: अमेरिका, एच-1 बी वीजा, एल1 वीजा, भारतीय आईटी कंपनी, America, H-1 B visa, L1 Visa, india, it, company
OUTLOOK 09 July, 2016
Advertisement