एच1 वीजाधारकों के जीवनसाथी को काम की इजाजत
अमेरिकी सरकार ने मानवाधिकार के पक्ष में बड़ा कदम बढ़ाया है जिसका सीधा लाभ अमेरिका में रह रहे ऐसे भारतीयों को मिलेगा जिनके पति या पत्नी के पास तो एच1 बी वीजा तो है लेकिन उन्हें वहां काम करने का अधिकार नहीं है। अब एच1वीजा धारकों के जीवनसाथी को भी 26 मई से अमेरिका में काम करने का अधिकार होगा।
द हिंदू में छपे साउथ एशियन अमेरिकंस लीडिंग टुगेदर नामक संस्था के बयान के मुताबिक, पति या पत्नी पर निर्भर कई सारे एच4 धारक अमेरिका जाने के बाद खुद को घर का कामकाज संभालने वाले बेरोजगारों की श्रेणी में मान बैठते हैं। इसका असर परिवार की आमदनी और गुजारे पर तो पड़ता ही है, साथ ही उनकी पेशेवर कौशल बढ़ाने की क्षमता भी क्षीण पड़ने लगती है।
अमेरिका के नियम बहुत सख्त हैं जहां किसी तरह का फ्रीलांस, इंटर्नशिप या स्वैच्छिक कार्य तक करने की अनुमति नहीं है। लेकिन बच्चे के साथ रहने की बाध्यता के कारण मां या पिता को अमेरिका सरकार एच-4 वीजा उन्हें देती है। एच-4 वीजा न सिर्फ उनके काम के अधिकार को खत्म करता है बल्कि उनकी आजादी का मूलभूत अधिकार भी छीन लेता है जिस कारण इसे कैदी वीजा करार दिया जाता है। इसमें व्यक्ति को सोशल सिक्योरिटी नंबर भी नहीं मिलता जो कर भुगतान, रोजगार आवेदन तथा अन्य उद्देश्यों के लिए वास्तविक राष्ट्रीय पहचान संख्या होती है। एच-4 वीजाधारक अमेरिका में सोशल सिक्योरिटी नंबर के बिना खाता भी नहीं खोल सकता।
लेकिन आज की घोषणा ऐसे व्यक्तियों का सम्मान बरकरार रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।