डोनाल्ड ट्रंप की बढ़ीं मुश्किलें! एफबीआई ने पूर्व राष्ट्रपति के घर मारा छापा, जानिए क्या है पूरा मामला
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि फ्लोरिडा स्थित उनके मार-ए-लागो आवास पर एफबीआई एजेंटों द्वारा छापेमारी की गई है। उन्होंने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये हमारे राष्ट्र के लिए काला दिन है, क्योंकि फ्लोरिडा के पाम बीच में मेरे खूबसूरत घर मार-ए-लागो पर वर्तमान में घेराबंदी, छापेमारी और एफबीआई एजेंटों के एक बड़े समूह द्वारा कब्जा कर लिया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए अपने एक वक्तव्य में कहा कि मेरे पॉम बीच स्थित खूबसूरत घर मार-ए-लीगो को एफबीआई ने कब्जे में ले लिया है। यहां की तलाशी ली जा रही है। यहां एफबीआई के एजेंट मौजूद हैं। मीडिया ने जब एफबीआई के प्रवक्ता से इस संबंध में और जानकारी के लिए संपर्क साधा तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि एफबीआई के एजेंट मार-ए-लागो में क्यों पहुंचे? उन्होंने कहा कि छापे का कोई नोटिस नहीं दिया गया था। छापामार टीम ने मेरी सेफ को भी तोड़ दिया है। ट्रंप ने कहा, 'एफबीआई की यह कार्रवाई बदले की राजनीति है। यह अमेरिका के लिए बुरा वक्त है, जब जांच एजेंसी ने 45वें राष्ट्रपति के घर पर छापा मारा है। अमेरिका में किसी पूर्व राष्ट्रपति के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। संबंधित जांच एजेंसियों की मदद करने व उनका सहयोग करने के बावजूद बगैर सूचना दिए मेरे घर पर छापा मारा गया है। यह अनावश्यक व अनुचित है।'
एफबीआई के छापे से बुरी तरह भड़के ट्रंप ने कहा 'यह अभियोजन पक्ष का कदाचरण है और न्याय प्रणाली का शस्त्रीकरण है। यक कट्टरपंथी डेमोक्रेट्स का हमला है, जो हताश होकर मुझे 2024 का चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं। हाल के चुनावों को देखते हुए वे इसमें खासतौर से अडंगे डाल रहे हैं। आगामी मध्यावधि चुनाव में वे रिपब्लिकन और कंजरवेटिव को रोकने के लिए कुछ भी करेंगे।'
ट्रंप ने अमेरिका में भ्रष्टाचार अल्प विकसित (थर्ड वर्ल्ड) देशों के स्तर तक पहुंचने का आरोप लगाते हुए इस कार्रवाई की तुलना वाटरगेट कांड से कर दी। उन्होंने सवाल किया कि इस कार्रवाई और वाटरगेट में क्या अंतर है? वाटरगेट कांड के वक्त जांच एजेंसियों ने डेमोक्रेट नेशनल कमेटी पर छापेमारी की थी। बता दें, वाटरगेट कांड अमेरिकी इतिहास का बड़ा राजनीतिक स्कैंडल है। यह 1972 से 1974 तक अमेरिकी राष्ट्रपति रहे रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल के दौरान हुआ था और इसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।