ओबामा ने शरणार्थी विरोधी भाषणबाजी के खिलाफ खोला मोर्चा
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र के दौरान मंगलवार को शरणार्थियों पर नेताओं के सम्मेलन की मेजबानी करते हुए ओबामा ने कहा कि विश्व भीषण शरणार्थी संकट का सामना कर रहा है। 6.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। यह विस्थापन दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब तक का सबसे बड़ा विस्थापन है। उन्होंने कहा, इनमें से 2.1 करोड़ शरणार्थी वे हैं, जो अपना देश, सबकुछ और अपने हर किसी जानकार को छोड़कर महज एक सूटकेस के साथ या कमर पर कुछ कपड़े लादकर भागे हैं। सम्मेलन में ओबामा ने कहा, यदि हम इन शरणार्थियों को सिर्फ उनकी पृष्ठभूमि या धर्म की वजह से लौटा देते तो हम आतंकियों के उस दुष्प्रचार को ही पुख्ता करते जिसमें कहा जाता है कि हमारे देश जैसे कई देश इस्लाम के खिलाफ हैं। यह एक घिनौना झूठ है, जिसे सभी देशों द्वारा बहुलतावाद और विविधता के मूल्यों को अपनाते हुए खारिज किया जाना चाहिए।
इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन टुडेउ और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शिरकत की। ओबामा ने कहा कि हाल के वर्षों में अमेरिका ने शरणार्थियों को देश के अंदर लेने और पूरे राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्क्रीनिंग एवं सुरक्षा जांच शुरू की है। उन्होंने कहा, शरणार्थियों की किसी औसत पर्यटक की तुलना में कहीं ज्यादा कड़ी जांच होती है। अमेरिका में हमने मेहनती, देशभक्त शरणार्थियों को हमारी सेना में सेवाएं देते, नए उद्योग शुरू करते और समुदायों को दोबारा खड़ा करते हुए देखा है। मेरा मानना है कि शरणार्थी हमें मजबूत बना सकते हैं।