Advertisement
03 May 2016

अमेरिका का मदद से इनकार, पाक को शायद ही मिले एफ-16 विमान

गूगल

अमेरिकी सीनेटरों ने आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री में पाकिस्तान की आंशिक आर्थिक मदद करने के लिए अमेरिकी करदाताओं के धन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जिसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह ये विमान खरीदने के लिए अपने राष्ट्रीय फंड पेश करे। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा, कांग्रेस ने बिक्री को मंजूरी दे दी है लेकिन महत्वपूर्ण सदस्यों ने यह स्पष्ट किया है कि वे इसके समर्थन के लिए विदेशी सैन्य वित्तपोषण (एफएमएफ) के इस्तेमाल पर आपत्ति करते हैं। कांग्रेस की आपत्तियों के मद्देनजर हमने पाकिस्तान से कहा है कि उन्हें इसके लिए अपने राष्ट्रीय फंड को पेश करना चाहिए। हालांकि किर्बी ने यह नहीं बताया कि यह निर्णय कब लिया गया और इसके बारे में पाकिस्तान को कब बताया गया। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर की अनुमानित लागत पर आठ लड़ाकू विमान बेचने के अपने विचार के बारे में कांग्रेस को 11 फरवरी को सूचित किया था। भारत सरकार ने इस कदम का विरोध किया था और उसने इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब किया था।

 

शक्तिशाली सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी के अध्यक्ष एवं सीनेटर बॉब कॉर्कर के नेतृत्व में शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने इस बिक्री पर रोक लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों खासकर हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाया और वह अब भी आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बना हुआ हैं। ऐसे में वे पाकिस्तान को लड़ाकू विमान बेचने के लिए ओबामा प्रशासन को अमेरिकी करदाताओं के धन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने पिछले सप्ताह कांग्रेस की सुनवाई में ओबामा प्रशासन से खुलकर कहा था कि उन्हें इस बात की आशंका है कि पाकिस्तान इन एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ नहीं बल्कि भारत के खिलाफ करेगा। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि एफ-16 आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम हथियार है और उन्होंने कांग्रेस से यह रोक हटाने की अपील की थी लेकिन सांसद अपनी बात पर अड़े रहे और उन्होंने ओबामा प्रशासन से कहा कि जब तक पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता तब तक यह रोक नहीं हटाई जाएगी।

Advertisement

 

अमेरिका के एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए पाकिस्तान के पास अब मई तक का समय है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका की इस नई गतिविधि पर प्रतिक्रिया के लिए पाकिस्तान को दी गई मई तक की समयसीमा प्रस्ताव वैधता (लॉकहीड की) और उत्पादन प्रक्रिया के दृष्टिकोण पर आधारित है। प्रस्ताव स्वीकार करने में देरी के परिणामस्वरूप एफ-16 विमानों की कीमत बढ़ेगी। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने अपना नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि जैसा कि अमेरिका ने अब कहा है, उस पूरी कीमत पर पाकिस्तान की ओर से एफ-16 विमान खरीदे जाने की संभावना नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान को इन विमानों को खरीदने के लिए केवल 27 करोड़ डॉलर का भुगतान करना था। अधिकारियों ने बताया कि आठ एफ-16 विमानों का अमेरिकी प्रस्ताव भले ही कागजों पर बना रह सकता है लेकिन यदि पाकिस्तान इन्हें नहीं खरीदने का फैसला करता है तो इसमें लंबा अल्पविराम लग सकता है और इसकी कीमत बढ़ सकती है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: अमेरिका, एफ-16, लड़ाकू विमान, पाकिस्तान, तगड़ा झटका, अमेरिका, विदेश मंत्रालय, अमेरिकी करदाता, आर्थिक मदद, भुगतान में मदद, असमर्थता, अमेरिकी कांग्रेस, विदेश मंत्रालय, प्रवक्ता, जॉन किर्बी, राष्ट्रीय फंड, अमेरिकी सीनेटर
OUTLOOK 03 May, 2016
Advertisement