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04 November 2015

भारतीय बुजुर्ग पर हमला मामले में जूरी फिर विचार करेगी

गूगल

अलबामा की राजधानी हंट्सविले की संघीय जूरी ने कल दोपहर बाद जिला जज मेडलिन यूज हैकला से कहा कि वह पुलिसकर्मी एरिक पार्कर के खिलाफ दूसरी सुनवाई में सर्वसम्मति से किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। पार्कर पर 58 वर्षीय पटेल के खिलाफ अत्यधिक बलप्रयोग करने का आरोप है जिसके कारण पटेल आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे। जूरी ने कहा, हमने दो बार वोट किया और हम सर्वसम्मति से किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच पाए। हम आगे क्या करें?

इसके बाद हैकला ने जूरी को सर्वसम्मति से निर्णय पर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार नए सिरे से सुनवाई के लिए इससे अधिक विश्वसनीय और विवेकशील जूरी का चयन नहीं कर सकती है। अंतत: जूरी ने कहा कि उन्होंने सर्वसम्मति से फैसला सुनाने की दिशा में काम करने की कोशिश की है और वे अब भी इस दिशा में काम कर रहे हैं। बारह सदस्यीय जूरी में नौ महिलाएं और तीन पुरुष हैं। जूरी का एक सदस्य स्वस्थ महसूस नहीं कर रहा था इसलिए जूरी ने अपना विचार विमर्श फिर से आज शुरू करने का निर्णय लिया।

जूरी के सदस्यों ने गत सोमवार को अधिकतर समय वह वीडियो देखते हुए बिताया जिसमें दिखाई दे रहा है कि पार्कर ने सुरेशभाई पर बलप्रयोग करके जमीन पर गिराया जिससे वे आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए। दोषी पाए जाने पर पार्कर (27) को 10 साल कारावास की सजा हो सकती है। इस घटना को लेकर भारत और अमेरिका में लोगों ने रोष प्रकट किया था। घटना के बाद पार्कर को कुछ समय के लिए गिरफ्तार करके बाद में रिहा कर दिया गया था। उसे पुलिस विभाग ने निलंबित कर दिया था। पार्कर के वकील रोबर्ट टुटेन ने स्थानीय मीडिया से कहा,  पार्कर इन परिस्थितियों से अच्छे से निपट रहा है।

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TAGS: अमेरिका, भारतीय बुजुर्ग, पुलिस बर्बरता, सुरेश भाई पटेल, अदालत, जूरी, सुनवाई, America, the elderly, police brutality, Suresh Patel, courtroom, jury, hearing
OUTLOOK 04 November, 2015
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