Advertisement
05 December 2016

दक्षिण चीन सागर को लेकर ट्रंप ने की चीन की आलोचना

google

ट्रंप ने ट्वीट की शृंखला में कहा कि क्या चीन ने हमसे पूछा था कि मुद्रा का अवमूल्यन करना (हमारी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा में बने रहना मुश्किल बनाना), उनके देश में निर्यात होने वाले हमारे उत्पादों पर भारी शुल्क लगाना या दक्षिण चीन सागर के मध्य में एक बड़े सैन्य परिसर का निर्माण करना सही होगा?

अगले ट्वीट में उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता कि यह सही है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ताइवान के राष्ट्रपति साइ इंग वेन से फोन पर बात करके चीन को पहले ही अप्रसन्न कर चुके हैं। साल 1979 के बाद ताइवान के राष्टपति से बात करने वाले वह पहले शीर्ष अमेरिकी नेता हैं।

वाशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए ट्रंप ने ताइवान के नेता को फोन किया। यह कदम देश की बागडोर संभालने जा रहे राष्ट्रपति का जानबूझकर उकसाने वाला कदम है जो कि अतीत से बिल्कुल अलग है।

Advertisement

राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान चीन ट्रंप को आए दिन निशाना बनाता रहा है। अब ट्रंप अगले माह शपथ लेंगे और ऐसे में आसार हैं कि ट्रंप का बीजिंग के प्रति रुख आक्रामक रहेगा।

चीन स्वशासित ताइवान को अपना अलग हुआ प्रांत मानता है। चीन ने ट्रंप की ताइवान के राष्टपति से फोन पर हुई बातचीत को लेकर अमेरिका के समक्ष राजनयिक विरोध जताया है। अमेरिकी राजनीतिज्ञ अक्सर चीन पर आरोप लगाते हैं कि वह अपना निर्यात बढ़ाने के लिए अपनी मुद्रा का जानबूझकर अवमूल्यन करता है।

ट्रंप ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में सैन्य विस्तार करने का आरोप लगाया है। चीन संसाधन बहुल दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर अपना दावा करता है। वियतनाम, फिलिपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपने-अपने दावे करते हैं। जुलाई में द हेग स्थित एक अंतरराष्टीय न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर चीन के भूभागीय दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसके दावे का समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट के घोषणापत्र के तहत कोई कानूनी अधिकार नहीं है। (एजेंसी)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: ट्रंप, अमेरिका, चीन, ताइवान
OUTLOOK 05 December, 2016
Advertisement