ट्रंप को फिर लगा कोर्ट से बड़ा झटका
न्याय विभाग के वकीलों ने सैन फ्रांसिस्को स्थित नौवीं सर्किट से संबंधित अमेरिकी अपीली अदालत में निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें जिसमें सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले उसके विवादास्पद शासकीय आदेश के क्रियान्वयन पर अस्थायी रोक लगाई गई है। अपीली अदालत ने कहा कि प्रतिबंध को चुनौती देने वाले कल तक अपील का जवाब दें तथा न्याय विभाग एक प्रति-उत्तर दे।
पराए लोगों को स्वीकारने या नकारने को राष्ट्रपति का संप्रभु परामधिकार करार देते हुए न्याय विभाग के वकीलों ने अदालत को बताया कि वाशिंगटन एवं मिनेसोटा प्रांतों को प्रतिबंध को चुनौती देने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासकीय आदेश को न्यायाधीश का रोकना गलत है। कार्यवाहक सॉलीशीटर जनरल नोएल फ्रांसिस्को ने एक बयान में कहा कि राष्टपति की प्रतिबद्धता की न्यायिक अपेक्षा किया जाना विदेश मामलों, राष्टीय सुरक्षा एवं आव्रजन को लेकर राजनरीतिक शाखाओं के संवैधानिक प्राधिकार में नाजायज घुसपैठ होगी।
ट्रंप प्रशासन के वकीलों ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों और शरणार्थियों के देश में प्रवेश को रोकने वाले राष्ट्रपति के आदेश पर देशव्यापी अस्थायी रोक लगाने के सिएटल के संघीय जज जेम्स रॉबर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।
अदालत के शुक्रवार को आए फैसले के तुरंत बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा नियुक्त किए गए अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स रॉबर्ट की ट्विटर पर खिल्ली उड़ाते हुए उन्हें तथाकथित जज बताया और कहा कि उनका बेतुका फैसला पलट जाएगा। अदालत के निर्णय के बाद गृह सुरक्षा विभाग ने घोषणा की कि उसने आव्रजन आदेश का क्रियान्वयन स्थगित कर दिया है और वह यात्रिायों की जांच की पहले लागू प्रक्रिया ही बहाल करेगा। साथ ही उसने न्याय विभाग से जितनी जल्दी हो सकें, इस फैसले को चुनौती देने का अनुरोध किया था। (एजेंसी)