ट्रंप का दावा दिल्ली हमले में था सोलेमानी का हाथ, इजरायली राजनयिक की पत्नी हुई थी घायल
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि दिल्ली में इजराइली राजनयिक की पत्नी पर हुए आतंकी हमले के पीछे मारे गए ईरानी सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल कसीम सोलेमानी का ही हाथ था। हालांकि उन्होंने इस दावे को लेकर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है दुनिया भर में समर्थन जुटाने के लिए ट्रंप ने भारत का जिक्र किया है।
फरवरी 2012 का हो सकता है मामला
डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली का जिक्र जरूर किया लेकिन उन्होंने इसकी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। पर ऐसा माना जा रहा है कि यह फरवरी 2012 का मामला है। दिल्ली में फरवरी 2012 को इजराइली राजनयिक की पत्नी टाल योहोशुआ कोरेन की कार में एक बम रखा गया था। इसके विस्फोट से राजनयिक की पत्नी, ड्राइवर और दो राहगीर घायल हुए थे। पुलिस ने जांच में पाया था कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इस हमले की साजिश रची थी। बाद में इस मामले में एक ईरानी युवक को भी गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि ट्रंप इसी घटना को जनरल कासिम से जोड़ रहे हैं।
इजरायल को भी ईरान पर था शक
इजरायल ने भी हमले के लिए ईरान को ही दोषी ठहराया था। जिसे मोसाद द्वारा ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन की हत्या के लिए प्रतिशोध के रूप में देखा गया था। दिल्ली में हुए हमले में एक भारतीय पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया । काजमी पर आरोप था कि उन्होंने सोलेमानी के नेतृत्व में ईरान की खुफिया एजेंसी कुद्स फोर्स के लिए जानकारियां जुटाई थीं।
भारत के लिए भी कठिन समय
जबकि आज अमेरिका भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी है और इजरायल कई प्रमुख मुद्दों पर रणनीतिक साझेदार बना हुआ है, ऐसे में ईरान को अपनी भौगोलिक स्थिति, धार्मिक जनसांख्यिकी और भारत का समग्र सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण को देखते हुए महत्व मिला हुआ है। नई दिल्ली को उम्मीद है कि मध्य एशियाई देशों में तेल और गैस संसाधनों का उपयोग करने के लिए ईरान में बन रहा चाबहार पोर्ट, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बनाए गए ग्वादर पोर्ट की काट होगा। ग्वादर को चीन बना रहा है। परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने से इनकार करने पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बुरी तरह प्रभावित ईरान, चाबहार