एच-1 बी लॉटरी के खिलाफ अमेरिकी अदालत में मामला खारिज
ओरेगन में एक संघीय न्यायाधीश द्वारा सुनाए गए फैसले का अर्थ यह है कि तीन अप्रैल से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष 2018 में एच-1 बी वीजा जारी करने के क्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। ऐसे में अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) द्वारा लॉटरी व्यवस्था के जरिए सफल एच-1 बी वीजा आवेदकों पर फैसला किए जाने की उम्मीद है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) को कांग्रेस की ओर से मंजूर सीमा से कहीं अधिक एच-1 बी वीजा आवेदन मिलते हैं। इसमें आम श्रेणी में 65 हजार की सीमा है जबकि अमेरिकी शैक्षणिक संस्थान से मास्टर्स या उच्च डिग्री लेने वाले विदेशी छात्रों के लिए 20 हजार की सीमा है।
लॉटरी व्यवस्था के खिलाफ मुकदमा पोर्टलैंड की दो कंपनियों ने दर्ज कराया था। एक कंपनी वेब डेवलपमेंट कंपनी टेनरेक इंक है और दूसरी वास्तुकला कंपनी वॉकर मैकी है। पिछले सप्ताह अपने 31 पन्नों के आदेश में अमेरिकी जिला अदालत के जज माइकल सिमोन ने यूएससीआईएस की इस दलील को उचित ठहराया कि एच-1 बी वीजा आवेदन को तब तक दायर नहीं माना जाता, जब तक लॉटरी से उस पर फैसला नहीं हो जाता।