ट्रंप के आदेश के बाद सीरिया पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का हवाई हमला
सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से खफा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को इसके खिलाफ हमले की अनुमति दे दी। इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सेनाओं ने संयुक्त रूप से सीरिया पर हवाई हमले शुरू कर दिए। सीरिया की राजधानी दमिश्क में जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई पड़ रही हैं।
ट्रंप ने कहा कि संयुक्त कार्रवाई का उद्देश्य रासायनिक हथियारों के उत्पादन और प्रसार के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक तंत्र स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि मैंने सीरिया पर सटीक हमले करने के आदेश दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किसी आदमी का काम नहीं हो सकता यह राक्षसों द्वारा किया गया अपराध है। उन्होंने कहा कि जबतक असद शासन रासायनिक हथियारों के उपयोग को रोक नहीं देता तबतक अमेरिका सीरिया पर दबाव बनाए रखेगा। हमले के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने ट्वीट किया कि अच्छी आत्माओं को अपमानित नहीं किया जा सकता।
एपी के रिपोर्टर के अनुसार पूर्वी दमिश्क में काफी धुआं उठ रहा है और आसमान का रंग नारंगी हो गया है। दूर से ही आग की बड़ी लपटें दिखाई पड़ रही हैं। सीरियाइ टीवी के अनुसार वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र को भी निशाने पर लिया गया है। दक्षिण दमिश्क स्थित देश के रक्षा ठिकाने पर 13 रॉकेट दागे गए हैं।
जवाबी कार्रवाई में सीरिया की असद सरकार ने भी ऑपरेशन शुरू करते हुए एंटी गाइडेड मिसाइल को लॉन्च कर दिया है। सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हाल में कथित रूप से सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने पहले ही असद सरकार को चेतावनी दी थी। इस हमले में बच्चों सहित 75 लोग मारे गए थे।
रासायनिक हमले को लेकर गुस्साए ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति असद को 'जानवर' कहकर संबोधित किया था। हालांकि 12 अप्रैल को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरिया पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि डौमा पर संदिग्ध रासायनिक हमले के आरोप गलत और झूठे हैं।