'पन्नू' मामले पर अमेरिका का बयान, भारत रणनीतिक साझेदार है, लेकिन हत्या की साजिश में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराना जरूरी
अमेरिका ने भारत को एक रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा है कि वह उसके साथ कई क्षेत्रों में संबंधों को और अधिक मजबूत बनाना चाहता है, लेकिन वह यह भी चाहता है कि भारत न्यूयॉर्क में एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश के मामले की गहन जांच करे और इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराए। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इस कथित षड्यंत्र का असर भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने की संभावना से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह कहा।
किर्बी ने यहां बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत एक रणनीतिक साझेदार है। हम इस रणनीतिक साझेदारी को और गहरा कर रहे हैं। वह प्रशांत में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) का सदस्य है। हम कई मामलों पर उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि यह इसी प्रकार जारी रहे। इसी के साथ हम इन आरोपों की गंभीरता को भी निश्चित रूप से समझते हैं।’’
अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने 29 नवंबर को आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक ने एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची थी, जो सफल नहीं हो पाई। पन्नू के पास अमेरिका तथा कनाडा की नागरिकता है। किर्बी ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि इसकी गहन जांच हो और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को उचित तरीके से जवाबदेह ठहराया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले की सक्रियता से जांच की जा रही है। हमने कहा है कि हमें इस बात की खुशी है कि भारतीय समकक्ष इसे गंभीरता से ले रहे हैं और ऐसा (गहन जांच) कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को पूरी तरह जवाबदेह ठहराया जाए, लेकिन मैं जांच पूरी होने से पहले और कुछ नहीं कहूंगा।’’
भारत ने अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने के आरोपी व्यक्ति के साथ एक भारतीय अधिकारी का नाम अमेरिका द्वारा जोड़े जाने को ‘‘चिंता का विषय’’ बताया है। उसने इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच किए जाने की घोषणा की है और कहा है कि जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने अमेरिका से मिली जानकारी पर गौर करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया है, क्योंकि यह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक अमेरिका का सवाल है, तो अमेरिका के साथ हमारे सुरक्षा सहयोग के तहत हमें कुछ जानकारी दी गई थी। ये जानकारी हमारे लिए चिंता का विषय हैं क्योंकि ये संगठित अपराध, तस्करी आदि की साठगांठ से संबंधित हैं।’’
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में कहा, ‘‘क्योंकि उनका (जानकारियों का) हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है, इसलिए मामले की जांच कराने का निर्णय लिया गया और एक जांच समिति का गठन किया गया।’’ अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करने के भारत के फैसले का सोमवार को स्वागत किया था।