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26 November 2022

श्रीलंकन तमिल पार्टियों का ऐलान, संविधान में स्वायत्तता के लिए सरकार पर बनाएंगी दबाव

ANI

श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा आमंत्रित किए जाने के बाद, एक बैठक में श्रीलंका की तमिल अल्पसंख्यक पार्टियां तीन सूत्री फॉर्मूला पेश करने पर सहमत हो गई हैं। जिसमें उनकी मुख्य मांग 'संघवाद' को बढ़ावा देना भी शामिल है।

श्रीलंका के पूर्व और उत्तर में स्थित सभी तमिल राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को 89 वर्षीय टीएनए नेता राजवरोथियाम सम्पंथन के आवास पर मुलाकात भी की ताकि अगले महीने विक्रमसिंघे की प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक से पहले संघवाद पर जोर दिया सके। बैठक में तमिल पार्टियों ने अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति को नज़र में रखते हुए समुदाय के लिए राजनीतिक स्वायत्तता की मांग की।

शुक्रवार को हुई इंट्रा-पार्टी मीटिंग में प्रांतीय परिषद चुनाव कराने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, एक नया संविधान तैयार करने पर भी सहमति बनी जिसमें तमिल क्षेत्रों को विचलन शामिल है। विक्रमसिंघे ने बुधवार को सभी राजनीतिक दलों को तमिल जातीय मुद्दे को अगले साल 4 फरवरी तक श्रीलंका की ब्रिटेन से स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ तक समाप्त करने के उद्देश्य से बातचीत के लिए आमंत्रित किया। वह 11 दिसंबर के बाद बैठक करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाने के लिए बहुसंख्यक सिंहली और तमिलों के बीच विश्वास कायम करना महत्वपूर्ण है।

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टीएनए - पार्टियों का एक गठबंधन जो उत्तर और पूर्व क्षेत्रों से तमिलों का प्रतिनिधित्व करता है - ने विक्रमसिंघे के आह्वान का जवाब दिया। हालांकि, कम से कम एक सिंहली बहुसंख्यक कट्टरपंथी सांसद ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताई।

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TAGS: Sri Lanka, Economy, International news, Tamil, Indians Tamil
OUTLOOK 26 November, 2022
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