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06 August 2024

बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों की मांग, नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को बनाया जाए अंतरिम सरकार का प्रमुख!

बांग्लादेश में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के एक दिन बाद ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस को देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाना चाहते हैं।

आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्होंने यूनुस (84) से पहले ही बात कर ली है और वह बांग्लादेश को बचाने की खातिर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं।

नाहिद ने कहा, ‘‘हमने निर्णय लिया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस मुख्य सलाहकार होंगे। उनकी व्यापक स्वीकार्यता है।’’ वीडियो में नाहिद के साथ दो अन्य समन्वयक भी दिखाई दे रहे हैं। नाहिद ने कहा कि अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नाम की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

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इस घोषणा के कुछ ही घंटों पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने घोषणा की थी कि संसद को भंग करने के बाद जल्द से जल्द अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। शहाबुद्दीन ने सोमवार देर रात टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से घर में नजरबंद हैं।

नाहिद ने कहा कि समूह ने अंतरिम प्रशासन की रूपरेखा की घोषणा करने के लिए पहले 24 घंटे का समय लिया था, लेकिन अराजक स्थिति के कारण उन्हें नाम की घोषणा तुरंत करनी पड़ी। नाहिद ने राष्ट्रपति से यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया। गरीब लोगों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी यूनुस के प्रयोग ने बांग्लादेश को लघु ऋण का केंद्र होने की पहचान दिलाई। यूनुस फिलहाल देश से बाहर हैं, लेकिन उन्होंने हसीना के अपदस्थ होने का स्वागत किया और इस घटनाक्रम को देश की ‘‘दूसरी मुक्ति’’ करार दिया।

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में पिछले दो दिन में हुई हिंसा में कम से कम 119 लोग मारे गए हैं। नाहिद ने बड़े पैमाने पर हो रही हिंसा के बारे में कहा कि यह हिंसा ‘‘अपदस्थ फासीवादियों और उनके सहयोगियों’’ द्वारा क्रांति को विफल करने के लिए की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, देश में अराजकता है और लोगों के जीवन को खतरा है, इसलिए हम राष्ट्रपति से आग्रह करते हैं कि वह कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल एवं प्रभावी कदम उठाएं तथा स्वतंत्रता चाहने वाले छात्र भी कानून प्रवर्तन बलों की सहायता के लिए सड़कों पर मौजूद रहेंगे।’’

नाहिद ने स्पष्ट किया, ‘‘छात्रों द्वारा प्रस्तावित सरकार के अलावा किसी अन्य सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा। जैसा कि हमने कहा है, कोई भी सैन्य सरकार या सेना द्वारा समर्थित सरकार या फासीवादियों की सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी।’’

यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन अभियान चलाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके इस तरीके को विभिन्न महाद्वीपों में अपनाया गया।

यूनुस और हसीना सरकार के बीच अस्पष्ट कारणों से लंबे समय से विवाद है। हसीना के 2008 में सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू की थीं।

बांग्लादेश के प्राधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की थी और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया था।

यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामलों में आरोप लगाए गए हैं। जनवरी में यूनुस को श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में अदालत ने छह महीने कारावास की सजा सुनाई थी।

कई लोगों का मानना है कि यूनुस ने 2007 में उस समय राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी, जब देश में सैन्य समर्थित सरकार थी और हसीना जेल में थीं। हसीना, यूनुस की इस घोषणा से नाराज हो गई थीं। हालांकि, यूनुस ने अपनी योजना पर अमल नहीं किया था, लेकिन उस समय उन्होंने बांग्लादेशी नेताओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी रुचि केवल पैसे में है।

यूनुस ने एक साक्षात्कार में देश वापस लौटने और अपना काम जारी रखने की इच्छा जताई थी। उन्होंने साथ मिलकर ‘‘बांग्लादेश को आजाद कराने’’ के लिए छात्रों की प्रशंसा की थी और हसीना पर अपने पिता एवं बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया था।

बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और वह सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं।

हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले 15 दिन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

 

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TAGS: Bangladesh protest, Political emergency in Bangladesh, Nobel laureate Muhammad Yunus, Sheikh Haseena, Narendra Modi
OUTLOOK 06 August, 2024
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