Advertisement
04 May 2018

#MeToo कैंपेन का असर, नहीं दिया जाएगा इस साल साहित्य का नोबेल पुरस्‍कार

नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था स्वीडिश अकादमी में शामिल फ्रेंच फोटोग्राफर ज्यां क्लाड अरनॉल्ट पर यौन दुराचार के आरोप हैं। पिछले साल उन पर 18 महिलाओं ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसकी वजह से अकादमी आलोचनाओं के घेरे में है। यही वजह है कि इस बार साहित्य के नोबेल पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया है। 

आलोचनाओं से घिरी एकेडमी ने फैसला किया है कि इस साल यह पुरस्कार प्रदान नहीं किया जाएगा क्योंकि एकेडमी के कुछ सदस्यों ने स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताया है। अरनॉल्ट पर आरोप लगने के बाद पिछले साल नवंबर में इसके ‌‌खिलाफ #MeToo अभियान चलाया गया था। इस अभियान ने बाद में पूरे विश्व में लड़कियों को अपने यौन हमलावरों के खिलाफ बोलने की हिम्मत दी थी।

अरनॉल्ट पर सात नोबेल विजेताओं के नाम लीक करने के भी आरोप हैं। हालांकि अरनॉल्ट ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया था। यह दूसरा मौका होगा जब साहित्य का नोबेल नहीं दिया जाएगा। इससे पहले 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस पुरस्कार को स्थगित किया गया था। समिति ने कहा है कि जल्द ही नई कमेटी की घोषणा कर जनता के बीच विश्वास अर्जित किया जाएगा उसके बाद ही साहित्य के नोबेल की घोषणा होगी।

Advertisement

संगठन से अरनॉल्ट की पत्नी और कवयित्री कैटरीना फ्रोस्टेनसन को हटाने के लिए 18 सदस्यों ने वोट किया था। अगले दिन एकेडमी की स्थायी सदस्य सारा डेनिअस ने कहा कि उन्होंने अरनॉल्ट से सभी संबंध तोड़ लिये हैं। डेनिअस समेत अब तक कुल छह सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Nobel Literature Prize, नोबेल साहित्य पुरस्कार, #MeToo
OUTLOOK 04 May, 2018
Advertisement