ब्रिटेन ने दिखाया भारत को ठेंगा, नहीं निर्वासित करेगा माल्या को
हाई कमीशन को दिए गए एक नोट के जरिए ब्रिटेन ने जांच एजेंसियों को बताया कि वो विजय माल्या का प्रत्यर्पण कराने में असमर्थ है। माल्या एनआरआई हैं और उनके पास 1992 से ब्रिटेन का रेजीडेंसी परमिट है। भारत सरकार को बताया गया कि हालांकि उनका पासपोर्ट रद्द हो गया है, लेकिन उनके पास यूके में रहने के लिए वैध वीजा है। माल्या का राजनयिक पासपोर्ट 24 अप्रैल को ही रद्द किया जा चुका है। धन शोधन के आरोपी एवं शराब करोबारी विजय माल्या को देश में लाने के लिए अब आरोप पत्र दाखिल करने के बाद प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि ब्रिटेन सरकार भारत के साथ 1993 की संधि के तहत माल्या के प्रत्यर्पण पर विचार करने के लिए राजी हो गई है।
राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत को अब आरोपपत्र दाखिल कर माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को शुरू करना पड़ेगा।
सदन के नेता ने शून्यकाल में कहा कि उनके पास उपलब्ध सूचना के अनुसार ब्रिटेन ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति ब्रिटेन में वैध पासपोर्ट के साथ प्रवेश करता है तथा बाद में पासपोर्ट रद्द कर दिया जाता है तो निर्वासन संभव नहीं है। माल्या दो मार्च को लंदन भाग गये थे और उसके एक दिन बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने कर्ज की वसूली के लिए उच्चतम न्यायालय का द्वार खटखटाया था। इसके कुछ हफ्ते बाद सरकार ने माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया। राज्यसभा का सदस्य होने के कारण माल्या के पास राजनयिक पासपोर्ट था। उन्होने इस माह के शुरू में उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था।