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06 August 2015

यूरोपीय संघ का मोदी को वार्ता का न्योता

इसी साल अप्रैल में जब मोदी ने फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा कीथी तो उस दौरान 28 शक्तिशाली देशों के मुख्यालय ब्रुसेल्स में अपनी संक्षिप्त यात्रा का भी प्रस्ताव रखा था जिस पर यूरोपीय संघ ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। विदेश राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने राज्यसभा को एक सवाल के जवाब में बताया कि ईयू ने नवंबर में होने वाले भारत-ईयू सम्मेलन के लिए मोदी को न्योता भेजा है।

सिंह ने बताया कि यूरोपीय परिषद और यूरोपीय अध्यक्षों के एक संयुक्त पत्र द्वारा प्रधानमंत्री को संबो‌िधत करते हुए न्योता भेजा गया है और उन्हें प्रस्ताव भेजा गया है कि तुर्की के अंताल्या में 15-16 नवंबर को होने वाली जी-20 की बैठक से पहले या बाद में ब्रुसेल्स में अगला सम्मेलन कराया जाए। मोदी के जी-20 बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। 

सिंह के मु‌ताबिक, यह सम्मेलन भारत और ईयू के बीच साझेदारी बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा और आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूती प्रदान करने की राह तलाशेगा जिसमें आपसी हितों और चिंताओं के वैश्विक मुद‍्दों पर परस्पर विचारों का आदान-प्रदान भी शामिल है। इससे पहले भारत और ईयू का सम्मेलन 2012 में हुआ था। मार्च में आए ईयू प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि भारत के प्रस्ताव पर ईयू ने दिलचस्पी इसलिए नहीं दिखाई थी कि वह सन 2012 में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में दो इतालवी नौसैनिकों पर चलाए जा रहे मुकदमों की धीमी प्रगति से नाराज है।

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यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार रहा है और सन 2013-14 में इनका द्विपक्षीय वाणिज्य 101.5 अरब डॉलर का रहा था। सिंह ने बताया कि ईयू से अप्रैल 2012 से लेकर मई 2015 तक भारत में एफडीआई एक्विटी निवेश 249 करोड़ डॉलर का हुआ था, सन 2014-15 में 82 करोड़ डॉलर और 2013-14 में 90 करोड़ डॉलर का रहा था।

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TAGS: Europe Union, Brussels, Prime Minister, Narendra Modi, G-20, ब्रुसेल्स, ईयू-भारत सम्मेलन, फ्रांस, जर्मनी
OUTLOOK 06 August, 2015
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