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25 June 2016

दो साल तक यूरोपीय यूनियन से बंधा रहेगा इंग्लैंड

मार्क इलियट ने अपने ब्लॉग पब्लिक लॉ फॉर एवरीवन में पांच ऐसे मुद्दे उठाए हैं, जो अगले वर्षों तक इंग्लैंड और यूरोपीय यूनियन को बांधें रखेंगे। पहला मुद्दा यूरोपीय यूनियन की संधियों का है, जो यूरोपीयन कम्युनिटीज एक्ट 1972 के जरिए लागू हुई हैं। इसके तहत इंग्लैंड यूरोपीय यूनियन की संधियों से बंधा हुआ है और ईयू के नियम इंग्लैंड में वहां के कानूनों पर प्रभावी हैं। कानूनी और संवैधानिक तौर पर कुछ भी नहीं बदला है। बदलने के लिए इंग्लैंड को पहले ईयू की संधियों से अलग होना पड़ेगा।

इसके लिए धारा 48 के तहत यूरोपीय यूनियन में संशोधन प्रस्ताव लाना होगा, जिसपर सदस्य देशों की एक राय होनी होगी। धारा 50 के तहत ईयू से बाहर होने का एक रास्ता तैयार किया जाएगा। सदस्य देश को अपनी संवैधानिक जरूरतों के अनुसार ईयू से बाहर आने का प्रस्ताव रखना होगा और यूरोपीय काउंसिल को नोटिस देना होगा। दो साल बाद संधियों के लागू होने की समय सीमा खत्म हो जाएगी। जनमत संग्रह का कानूनी आधार नहीं बनता। इस नाते वैध तरीके से इंग्लैंड ने यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बारे में दरअसल कुछ भी नहीं कहा है। 

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TAGS: यूरोपीय यूनियन, इंग्लैंड, जनमत संग्रह, शेयर मार्केट, वैश्विकरण, EU, treaties, UK
OUTLOOK 25 June, 2016
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