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30 November 2015

जलवायु सम्‍मेलन: ओबामा से हुई पीएम मोदी की मुलाकात

Vikas Swarup/MEA

प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने पेरिस में जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से अलग अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की। मोदी और ओबामा की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। इससे पहले पीएम मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मिले।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के दौरान कहा कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा। उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के उपायों के साथ जलवायु एजेंडे पर विचार विमर्श किया। जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से इतर मोदी ने ओबामा के साथ हुई अपनी मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति के उस खुलेपन की भी सराहना की जिसके तहत उन्होंने बड़ी बेबाकी के साथ मुद्दों को साझा किया। मोदी ने कहा कि इससे बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी। मोदी ने ओबामा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत से जो उम्मीदें की जाती हैं और उस पर जो जिम्मेदारियां हैं, वह उन्हें पूरा करेगा। भारत विकास और पर्यावरण दोनों को साथ लेकर चलने पर काम कर रहा है। इस दौरान उन्‍होंने 175 गीगावाट नवीकरणीय उर्जा उत्पादन के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और सौर गठबंधन पहल का भी जिक्र किया। 

प्रधानमंत्री मोदी की ये टिप्पणियां इस पृष्ठभूमि मेंं आई हैं जिसमें भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री जाॅन कैरी के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी थी कि जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत एक चुनौती होगा। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इन टिप्पणियों को अवांछित बताया था। राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि भारत को गरीबी उन्मूलन, विकास की प्राथमिकता तय करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ ही अपने कार्बन डाइ आक्साइड प्रदूषण पर भी अवश्य नियंत्रण पाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच गहरे सहयोग के लिए जलवायु परिवर्तन भी शामिल है।

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इससे पहले सम्‍मेलन में भारतीय पेवेलियन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित देशों को चेतावनी भी दी कि अगर वे उत्सर्जन कम करने का बोझ भारत जैसे विकासशील देशों पर डालते हैं तो यह नैतिक रूप से गलत होगा और विकासशील देशों को भी अपनी अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति के लिए कार्बन दहन का अधिकार है। लेकिन हमें जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी अगुवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने जलवायु परिवर्तन की समस्या पैदा नहीं की है, उसके बाद भी वह इसके दुष्परिणामों का सामना करता है।

 

 

 

 

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TAGS: जलवायु परिवर्तन, वैश्विक चुनौती, प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, ग्लोबल वार्मिंग, व्यापक, न्यायसंगत, दीर्घकालिक समझौता, जीवनशैली, विकासशील देश, संयुक्त राष्ट जलवायु परिवर्तन सम्मेलन
OUTLOOK 30 November, 2015
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