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03 December 2016

जनमत संग्रह का नहीं, ब्रेक्जिट का है अफसोस: कैमरुन

गूगल

पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में तीन जनमत संग्रह कराए। उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें ब्रक्जिट का दुख है लेकिन फिर भी वह ऐसी प्रक्रिया का समर्थन करते हैं, जिसमें ऐसे बड़े फैसले पर पहुंचने से पहले जनता की भागीदारी पर विचार करना जरूरी होता है। कैमरुन ने स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता पर भी जनमत संग्रह कराया था। इस जनमत संग्रह का भी बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह इस कदम को नहीं मानते तो यह स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता के मुद्दे में मददगार हो सकता था।

कैमरुन ने एचटी लीडरशिप समिट में कहा, मैंने जो भी जनमत संग्रह कराए, वह पूरी तरह से सही थे। चुनावी प्रक्रिया में हम प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट करते हैं, जो सबसे ज्यादा जरूरी है और मैं मानता हूं कि संसद लोगों की मर्जी के बगैर जो नियम लाता है, वह बड़ी समस्या हे। मैं सोचता हूं कि आपको संसद से आगे निकलने की जरूरत है। देश के 52 फीसदी लोगों ने जून में 28 सदस्य वाले यूरोपिय संघ से बाहर निकलने के सर्मथन में वोट किया था। जनमत संग्रह में आए ब्रेक्जिट के स्तब्ध कर देने वाले परिणाम के बाद कैमरुन ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

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TAGS: ब्रिटेन, पूर्व प्रधानमंत्री, डेविड कैमरुन, यूरोपीय संघ, जनमत संग्रह, संसद, जनता, ब्रक्जिट, Britain, Ex PM, David Cameroon, European Union, Referendum, Parliament, Public, Brexit
OUTLOOK 03 December, 2016
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