विदेश मंत्रालय ने कहा, बंगलादेश मामले को लेकर भारत के संपर्क में है अमेरिका
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उनका देश बांग्लादेश के मामले में भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के संपर्क में है और चाहता है कि वहां हो रही हिंसा समाप्त हो।
पटेल ने कहा, ‘‘ हम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा और संरक्षण बहाल करने संबंधी नयी सरकारों के लक्ष्यों का स्वागत करते हैं।’’
इस बीच, ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ ने बुधवार को व्हाइट हाउस से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया।
फाउंडेशन ने कहा, ‘‘ ताजा खबरों के अनुसार राष्ट्रपति (जो बाइडन) हमलों की लगातार खबरों के बावजूद बांग्लादेशी हिंदुओं की दुर्दशा पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।’’
फाउंडेशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा ‘‘अभी कार्रवाई की मांग करें! बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चुप्पी अस्वीकार्य है। जान चली गई, घर और मंदिर नष्ट हो गए - फिर भी हमारी अमेरिकी सरकार की ओर से कोई निंदा नहीं की गई।’’
वाशिंगटन में एनजीओ ‘हिंदूएक्शन’ ने दावा किया कि बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों में हिंदुओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है।
एनजीओ ने ‘एक्स’ पर कहा ‘‘उनकी दूर-दराज की स्थिति उन्हें निशाना बनाने के लिए अधिक छूट और समय देती है। अब जबकि मोहम्मद यूनुस नए कार्यवाहक नेता हैं, तो उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय को जमीनी स्तर पर शिक्षा और जागरूकता के लिए काम करना चाहिए जो यह सुनिश्चित करेगा कि देश के मदरसा पाठ्यक्रम और आम सोच से हिंदू विरोधी धारणा हटें’’
इस एनजीओ ने यह भी कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति और उनके सलाहकारों को यह एहसास होगा कि अगर बांग्लादेश अपने आखिरी आठ प्रतिशत हिंदुओं को खो देता है तो वह एक तालिबान देश होगा।’’