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13 September 2017

भगत सिंह को बेगुनाह साबित करने के लिए पाकिस्तानी वकील लड़ रहा कानूनी लड़ाई

वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी ने लाहौर हाईकोर्ट में अर्जी देकर याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया। लाहौर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फरवरी में मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया था कि कुरैशी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए बड़ी पीठ का गठन किया जाए, लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

लाहौर में भगत सिंह ममोरियल फाउंडेशन चलाने वाले कुरैशी ने हाईकोर्ट में दायर की अपनी याचिका में कहा था कि भगत सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अविभाजित हिंदुस्तान की आजादी के लिए संघर्ष किया था। बहुत सारे पाकिस्तानी खासकर पंजाबी भाषी लाहौर क्षेत्र में रहने वाले लोग भगत सिंह को नायक मानते हैं।

याचिका में कहा गया है कि भगत सिंह का आज भी भारतीय उप महाद्वीप में न केवल सिखों बल्कि मुसलमानों द्वारा भी सम्मान किया जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी दो बार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। कुरैशी ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का विषय है।

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कुरैशी ने अपनी याचिका में अदालत से पुनर्विचार के सिद्धांतों का पालन करते हुए भगत सिंह की सजा रद्द करने और सरकार को उन्हें राजकीय सम्मान देने का आदेश देने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने कहा कि संघीय सरकार को पत्र लिखकर शादमन चौक (लाहौर के मुख्य हिस्से) पर भगत सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग की है, जहां उन्हें उनके दो साथियों के साथ फांसी पर लटकाया गया था।

23 साल की उम्र में दी गई थी भगत सिंह को फांसी

बता दें कि भगत सिंह को 23 साल की उम्र में ब्रिटिश शासकों ने 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ा दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने ब्रिटेन की औपनिवेशिक सरकार के खिलाफ साजिश रची थी। इस सिलसिले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू पर ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सेंडर्स की कथित तौर पर हत्या करने का मामला दर्ज किया गया था।

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TAGS: After 86 Years, Bhagat Singh, Hanging, Pakistani Lawyer, legal battle
OUTLOOK 13 September, 2017
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