आस्ट्रेलिया में खान पर 2017 मध्य तक काम शुरू करेगा अडाणी समूह
कंपनी ने कहा है कि वह इस परियोजना के लिए स्थानीय श्रमिकों को वरीयता देगी। परियोजना से 10,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। कंपनी ने यह घोषणा परियोजना के लिए रेल लाइन निर्माण की अंतिम अनुमति मिलने के एक दिन बाद की है। हालांकि, लंबे समय से पर्यावरण रक्षा समूह इस परियोजना का विरोध करते आ रहे हैं।
गौरतलब है कि आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित इस विश्व की सबसे बड़ी कोयला खान परियोजनाओं में से एक इस परियोजना की शुरआत छह साल पहले की गई थी लेकिन इस दौरान विभिन्न कारणों से यह समय-समय पर बाधित होती रही है। क्वींसलैंड राज्य के प्रीमियर एनास्टेसिया पलास्जकजुक से मुलाकात के बाद समूह के आस्ट्रेलियाई परिचालन के प्रमुख जयकुमार जनकराज ने यहां पत्रकारों से कहा, हम अगले साल के मध्य तक निर्माण कार्य शुरू करना चाहते हैं।
जनकराज ने कहा कि यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। हमारी योजना आरंभिक कार्य जून या जुलाई की तिमाही तक शुरू करने की है और मुख्य निर्माण कार्य साल की अंतिम तिमाही में शुरू होगा। उन्होंने कहा, हमने प्रक्रिया के तहत काम किया है। हम मुश्किल दौर से गुजरे हैं लेकिन इन्हें सुलझा लिया गया। अडाणी ने घोषणा की है कि कंपनी परियोजना और उससे जुड़े बुनियादी ढांचे एवं रेल एवं बंदरगाह परिचालन के मुख्यालय को महत्वपूर्ण सहायता सेवाएं मुहैया कराने के लिए यहां क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना करेगी।
जनकराज ने कहा कि टाउन्सविले अडाणी की खान परियोजना का क्षेत्रीय मुख्यालय होगा जबकि मैके बोवेन क्षेत्रा इसकी रेल एवं बंदरगाह परिचालन का क्षेत्रीय मुख्यालय होगा। कंपनी ने कहा कि इसके क्वींसलैंड के क्षेत्रीय केंद्रों से स्थानीय उद्योगों, स्थानीय समुदायों और कार्यबल के कौशल और जुनून का सीधे तौर पर लाभ उठाया जा सकेगा।
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने पलास्जकजुक से आज मुलाकात कर क्षेत्रीय परियोजना केंद्रों के बारे में बातचीत की साथ ही खान परियोजना एवं संबंधित बुनियादी ढांचे की प्रगति पर भी चर्चा की। अडाणी ने कहा, अडाणी समूह स्थानीय और क्षेत्रीय समुदायों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसा आज की घोषणा में भी कहा गया है।
उन्होंने कहा, अडाणी समूह ऊर्जा एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण की परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध है जिससे क्षेत्रीय क्वींसलैंड में हजारों रोजगार का निर्माण होगा और भारत में लाखों लोगों की गरीबी दूर होगी।
इसी बीच खान विरोधी प्रदर्शनकारियों का यहां प्रदर्शन जारी है। इस परियोजना को लेकर विवाद है कि इससे ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क के पास की 11 लाख घन मीटर भूमि का खान से निकलने वाले मलबे की वजह से नुकसान होगा।
भाषा