पुलवामा हमले पर चीन ने जताया दुख लेकिन आतंकी मसूद अजहर पर साधी चुप्पी
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए। चीन ने हमले के करीब एक दिन बाद इस पर दुख जताया है। हालांकि, आतंकी हमले को अंजाम देने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर उसने कोई साफ प्रतिक्रिया नहीं दी। चीनी सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम किसी भी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं। जवानों पर हुए इस हमले से हमें गहरा धक्का लगा है। लेकिन चीन ने आतंकी मसूद अजहर पर कुछ नहीं कहा है, जबकि वह मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले में रोड़े अटकाता रहा है।
चीन के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि जहां तक मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का मामला है तो हम इसे जिम्मेदार तरीके से देखेंगे। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूएन के सभी देशों से अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को समर्थन की अपील की थी।
पाकिस्तान ने किया हमले में हाथ होने से इनकार
पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमलों में किसी भी तरह के हाथ की बात से इनकार किया है। पाक सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर इसे गंभीर चिंता का विषय बताया।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने में चीन अटका रहा रोड़े
मसूद अजहर को भारत सरकार ने 1999 में एयर इंडिया के हाईजैक प्लेन में सवार यात्रियों के बदले रिहा करना पड़ा था। इसके बाद से ही वह पाकिस्तान में छिपा है। भारत ने कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की कोशिश की। हालांकि, हर बार चीन ने पाक के समर्थन में इस कोशिश पर वीटो का इस्तेमाल किया।
मोदी सरकार भी कर चुकी है कोशिश
2 जनवरी 2016 को पठानकोट के एयरफोर्स बेस पर हमले के लिए भारत सरकार ने मसूद अजहर को दोषी ठहराया था। इसके बाद फरवरी में यूएन के सामने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि, चीन ने पहले मार्च 2016 और फिर अक्टूबर 2016 में भारत की कोशिशों को रोक दिया। आखिर में दिसंबर 2016 में चीन ने इस प्रस्ताव के विरोध में वीटो का इस्तेमाल कर दिया।
अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन भी पेश कर चुके हैं प्रस्ताव
इसके बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर 19 जनवरी 2017 को अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया, लेकिन चीन ने तकनीकी तौर पर इसे गलत बताकर प्रस्ताव को रोक दिया। भारत 26/11 हमलों के बाद से ही अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग उठाता आ रहा है, लेकिन उसकी कोशिशों में हर बार चीन अड़ंगा डाल देता है। भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं में कई बार अजहर का जिक्र हुआ, लेकिन इस पर दोनों ही देशों में कोई सहमति नहीं बन पाई।
अमेरिका ने भी दी चेतावनी
दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति भवन की तरफ से पाकिस्तान को नाम लेकर चेतावनी दी गई है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा कि पाक तुरंत अपनी जमीन से चलने वाले आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद करे। यह सिर्फ क्षेत्र में हिंसा और आतंक को बढ़ावा देते हैं।
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी अपने बयान में पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि सभी देशों को आतंक के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत अपनी जिम्मेदारियां समझनी होंगी और आतंकियों की पनाहगाह बनना बंद करना होगा। हम आतंकवाद से मुकाबले के लिए हर स्थिति में भारत के साथ खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए जा चुके पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद ने इस जघन्य हमले को अंजाम दिया। पीड़ितों के परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमले की निंदा
रूस, इजरायल, फ्रांस, जर्मनी, मालदीव, बांग्लादेश, थाइलैंड, श्रीलंका, चेक रिपब्लिक, कनाडा और कई अन्य देशों ने जवानों की शहादत पर दुख जताया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले में मारे गए जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। पुतिन ने कहा कि इस हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलना बेहद जरूरी है। हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि ढाका हमेशा आतंकी गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी कायम रखेगा। घायलों के जल्द ठीक होने के लिए हम प्रार्थना करते हैं। वहीं भारत में इजरायल के राजदूत रॉन माल्का ने हमले में मारे गए जवानों के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि हम इस मुश्किल घड़ी में भारत के साथ हैं।