'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के दौरान घोषणाएं संभव, भारत से हमारे अच्छे रिश्ते: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक हफ्ते के अंदर दो बार मुलाकात करेंगे। दोनों नेता ह्यूस्टन में होने वाले 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में भी एक साथ मौजूद रहेंगे। ट्रंप ने बुधवार को कहा कि कार्यक्रम में मोदी से मुलाकात के दौरान कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। वहीं, अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि अमेरिका और भारत के पास अपने कूटनीतिक रिश्तों को सदी की सबसे बड़ी साझेदारी में बदलने का बड़ा मौका है।
कैलीफोर्निया में पत्रकारों ने ट्रंप से सवाल किया कि हाउडी मोदी कार्यक्रम में क्या बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं? इसके जवाब में ट्रम्प ने कहा, ‘हो सकती हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारे बहुत अच्छे रिश्ते हैं।’ जबकि वॉशिंगटन के एक कार्यक्रम में शृंगला ने कहा कि भारत अपनी कुछ नीतियों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है, ताकि अमेरिकी कंपनियों को देश में लाया जा सके।
मोदी अमेरिका दौरे पर ट्रंप से दो बार मिलेंगे
मई में चुनाव जीतने के बाद से ही मोदी और ट्रम्प दो बार मिल चुके हैं। पहली बार दोनों नेता जापान (ओसाका) में जी-20 समिट (28-29 जून) के दौरान मिले थे। इसके बाद पिछले महीने दोनों की फ्रांस में जी-7 समिट में मुलाकात हुई थी। इस हफ्ते के अंत में मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क जाएंगे। शृंगला के मुताबिक, मोदी अमेरिका दौरे पर ट्रम्प से दो बार मिलेंगे। यानी कुछ ही महीनों के अंतराल में दोनों नेताओं की चार मुलाकातें होंगी।
‘अगले 5 सालों में दोगुना होगा दोनों देशों का व्यापार’
शृंगला ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले 10 सालों में दोगुना हुआ है। आने वाले 5 सालों में इसके फिर से दोगुने होने की संभावना है। इसलिए ह्यूस्टन और न्यूयॉर्क में ट्रम्प और मोदी की मुलाकात से पहले दोनों देशों के अफसर ट्रेड डील तय करने की कोशिशों में जुटे हैं।
‘नए सेक्टर में भी बढ़ रही दोनों देशों की साझेदारी’
शृंगला के मुताबिक, पिछले साल भारत ने पहली बार अमेरिका से 4.5 अरब डॉलर (करीब 32 हजार करोड़ रुपए) का तेल और गैस खरीदी। उन्होंने ऊर्जा के सेक्टर में भी साझेदारी बढ़ने के संकेत दिए। भारतीय राजदूत ने कहा, “हम अगले 5 सालों में 280 अरब डॉलर (20 लाख करोड़ रुपए) के द्विपक्षीय व्यापार की तरफ देख रहे हैं। इसलिए छोटी मोटी रोक-टोक से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।’’