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19 December 2016

प्रौद्योगिकी नहीं, मानव पूंजी से होता है सबसे अधिक मूल्यवर्धन : रिपोर्ट

गूगल

विश्लेषण के अनुसार मानव पूंजी का वैश्विक अर्थव्यवस्था में संभावित मूल्य 12 लाख अरब डॉलर बैठता है। यह विश्लेषण कॉर्न फेरी के लिए सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च ने किया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मानव पूंजी किसी अन्य संपत्ति मसलन प्रौद्योगिकी, रीयल एस्टेट भंडारण से ढाई गुना अधिक मूल्यवान है।

कॉर्न फेरी समूह के वैश्विक प्रबंध निदेशक (सॉल्यूशंस) ज्यां मार्क लाउचेज ने कहा, हालांकि, संगठन भविष्य के काम के लिए प्रौद्योगिकी पर अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए मानव पूंजी अधिक महत्वपूर्ण है।

इसमें कहा गया है कि मानव पूंजी में किए जाने वाले एक डॉलर के निवेश का मतलब सकल घरेलू उत्पाद में 11.39 डॉलर की वृद्धि है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि तथा उद्योग की ओर झुके देशों में भी मानव पूंजी का मूल्य भौतिक संपदा से अधिक है। चीन में मानव श्रम का मूल्य 1,10,000 अरब डॉलर है जबकि अन्य संपत्तियों का मूल्य 49,000 अरब डॉलर है। मानव पूंजी से अन्य संपत्तियों का अनुपात 2.23 है। इसी तरह भारत में मानव श्रम का मूल्यांकन 80,000 अरब डॉलर और अन्य संपत्तियों का मूल्य 48,000 अरब डॉलर है। यह अनुपात 1.67 बैठता है।

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TAGS: Human capital, biggest value creator, मानव पूंजी, वैश्विक अर्थव्यवस्था, मूल्यवर्धन का साधन, कॉर्न फेरी
OUTLOOK 19 December, 2016
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