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02 August 2017

वर्ल्ड बैंक ने पाक को दिया झटका, भारत को मिली किशनगंगा-रातल प्रोजेक्ट पूरा करने की मंजूरी

पाकिस्तान के विरोध को नकारते हुए वर्ल्ड बैंक ने भारत को झेलम और चिनाब की सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की इजाजत दे दी है। वर्ल्ड बैंक ने कुछ शर्तों के साथ इन दोनों नदियों पर पनबिजली विद्युत संयंत्रों के निर्माण की अनुमति दी है। पाकिस्तान ने किशनगंगा (330 मेगावाट) और रातल (850 मेगावाट) हाइड्रोपावर परियोजना का विरोध कर रहा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता को लेकर सचिव स्तर की बातचीत वर्ल्ड बैंक में हुई। इसके बाद वर्ल्ड बैंक ने कहा कि 1960 की इंडस वाटर ट्रीटी (आईडब्ल्यूटी) के तहत भारत को झेलम और चिनाब की सहायक नदियों पर प्रोजेक्ट पूरा करने की इजाजत है। आईडब्ल्यूटी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की बातचीत खत्म होने पर कल जारी एक ‘‘फैक्ट शीट’’ में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में बन रहे किशनगंगा (330 मेगावॉट) और रातल (850 मेगावॉट) पनबिजली विद्युत संयंत्रों का विरोध कर रहा है।

गौरतलब है कि दोनों संयंत्रों के तकनीकी डिजाइन संधि के प्रतिकूल है या नहीं, इस बात को लेकर दोनों देश असहमत हैं. इस संदर्भ में आईडब्ल्यूटी ने इन दोनों नदियों और सिंधु को ‘पश्चिमी नदियां’ घोषित किया है, जिसका पाकिस्तान असीमित इस्तेमाल कर सकता है। फैक्ट शीट में विश्व बैंक ने कहा है, "अन्य इस्तेमालों के साथ-साथ भारत संधि में शामिल शर्तों को ध्यान में रखते हुए इन नदियों पर पनबिजली विद्युत संयंत्र का निर्माण कर सकता है।" बैंक ने कहा कि आईडब्ल्यूटी के तकनीकी मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सचिव-स्तरीय बातचीत ‘सद्भावना और सहयोग’ के माहौल में हुई।

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इससे पहले विश्व बैंक ने 25 जुलाई को पत्र लिखकर अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना को आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में अपनी तटस्थता और निष्पक्षता को बरकरार रखेगा, ताकि सुलह का रास्ता खोजा जा सके। इससे पहले दोनों देशों ने पाकिस्तान में स्थाई सिंधु आयोग (पीआईसी) की बैठक के दौरान इस वर्ष मार्च में दो परियोजनाओं पर वार्ता की थी।

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में स्थित दो पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइन को लेकर चिंता जताते हुए पिछले साल विश्व बैंक का रुख किया था। यह मांग की गई थी कि 57 वर्ष पुराने जल वितरण समझौते के तहत दोनों देशों के बीच मध्यस्थ विश्व बैंक इन चिंताओं के समाधान के लिए एक मध्यस्थता अदालत का गठन करे।

 

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TAGS: India, allowed to construct, hydroelectric power plants, Indus Waters Treaty, pakista, Jhelum, Chenab, Kishenganga, Ratle
OUTLOOK 02 August, 2017
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