भारत-चीन सीमा पर ‘सहज’ हालात बनाने के लिए उठा रहे हैं कदम: चीनी अधिकारी
चीन ने बुधवार को कहा कि सीमा पर सहज हालात बनाने के मकसद से छह जून को दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच हुई ‘सकारात्मक बातचीत’ के आधार पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने इस बारे में बताया है। एक दिन पहले नयी दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को सैन्य वार्ता के दूसरे दौर के पहले, शांतिपूर्ण तरीके से सीमा गतिरोध को खत्म करने के इरादे से भारत और चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाके से पीछे हटने का फैसला किया है।
सैन्य स्तर पर हुई है प्रभावी बातचीत
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग बताया कि सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों तरफ कदम उठाए जा रहे हैं। वे अपने पिछले पदों पर विस्थापित हो रहे हैं और वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हाल में चीन और भारत के बीच कूटनीतिक और सैन्य माध्यम से सीमा पर स्थिति के बारे में प्रभावी बातचीत हुई और सकारात्मक सहमति बनी।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों देश आपस में बनी सहमति के आधार पर कदम उठा रहे हैं।’’
शीर्ष नेताओं की सहमति के आधार पर हुए सहमत
छह जून को सैन्य स्तरीय वार्ता के दौरान भारत और चीन 2018 में वुहान शिखर बैठक में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर फैसला करने पर सहमत हुए थे।. यह वार्ता लेह की 14 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बती सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन के बीच हुई थी।
चीन की सेना 2.5 किमी पीछे हटी
नई दिल्ली में सैन्य सूत्रों ने कहा है कि दोनों सेनाएं गलवान घाटी में गश्त प्वाइंट 14 और 15 के आसपास तथा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र से हट रही हैं। चीनी सेना दोनों क्षेत्र में 2.5 किलोमीटर तक पीछे हट गयी है।. पेंगॉन्ग सो में हिंसक झड़प के बाद पांच मई से ही भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पेंगॉन्ग सो झील के पास फिंगर इलाके में भारत द्वारा सड़क बनाने पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क पर भी चीन ने आपत्ति जतायी थी। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।