चीनी राजदूत ने कहा, एक और डोकलाम का तनाव नहीं ले सकते भारत-चीन के रिश्ते
भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा कि दोनों देशों को विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के जरिए सीमा विवाद का स्वीकार्य हल तलाशना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते एक और डोकलाम का तनाव नहीं ले सकते। दोनों पक्षों को सीमा पर शांति के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। ऩई दिल्ली में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान चीनी राजदूत ने कहा कि कुछ भारतीय दोस्तों ने भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच त्रिपपक्षीय सम्मेलन का सुझाव दिया है जो बहुत ही रचनात्मक विचार है।
भारत-चीन के रिश्तों पर उन्होंने कहा कि मतभेद होना स्वाभाविक है पर इन्हें आपसी सहयोग बढ़ाकर नियंत्रित और सुलझाया जा सकता है। राजदूत ने कहा कि सीमा के सवाल को इतिहास पर छोड़ देना चाहिए। हमें विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के जरिए आपसी विश्वास बढ़ाने के उपायों को अपना कर परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशना चाहिए। हम एक और डोकलाम खड़ा नहीं कर सकते।
लुओ झाओहुई ‘बियांड वुहानः हाऊ फार ऐंड फास्ट कैन चाइना-इंडिया रिलेशन गो’विषय पर चीनी दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। गौरतलब है कि पिछले साल जून से अगस्त तक भारत, भूटान और चीन सीमा के निकट डोकलाम स्थित तिमुहाने पर दोनों देशों की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने डटी रहीं थी। इस तनाव की वजह से नाथु-ला की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा रोक दी गई थी और दोनों देशों के बीच होने वाला सालाना सैन्य अभ्यास भी टाल दिया गया था।
राजदूत ने कहा कि चीन लगातार धार्मिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। साथ ही चीन तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था करेगा। उन्होंने कहा कि अगर चीन, रूस और मंगोलिया के बीच त्रिपक्षीय सम्मेलन संभव है तो चीन, पाकिस्तान और भारत के बीच ऐसा क्यों नहीं सकता।
डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों को बड़े नेताओं में कई बार मुलाकात हो चुकी है। इस साल भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राषट्रपति सी चिनपिंग पिछले दो महीने में वुहान और क्विंगडो में मुलाकात हो चुकी है। राजदूत ने कहा कि दोनों नेता इस साल होने वाले ब्रिक्स और जी 20 सम्मेलनों को दौरान भी मिलेंगे।