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07 August 2019

अमेरिका में भारत के राजदूत ने कहा, जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला

File Photo

अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला है और इससे दूसरे देशों के साथ संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया था। पुनर्गठन बिल और आर्टिकल 370 हटाने के संकल्प को संसद से मंजूरी मिल चुकी है।

'पुनर्गठन एलओसी को प्रभावित नहीं करेगा'

श्रृंगला ने कहा कि पुनर्गठन अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा (एलओसी) को प्रभावित नहीं करेगा। यह कदम बेहतर शासन के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि जो सामाजिक-आर्थिक लाभ पहले भारत के अन्य लोगों को मिलता था, वह जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेषकर वंचित वर्ग को भी मिले।

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'राज्यों का पुनर्गठन भारत में नया नहीं'

उन्हाेंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पुनर्गठित करने का निर्णय प्रशासनिक है। यह एक ऐसा निर्णय है जो कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए उठाया गया है। थिंक टैंक ‘द हेरिटेज फाउंडेशन’ में एक सवाल के जवाब में राजदूत ने कहा कि राज्य का पुनर्गठन भारत में नया नहीं है ऐसा 12वीं बार हो रहा है।

'दूसरे देशों के साथ संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर'

‘समकालीन भारत: विदेश नीति, विकास रणनीति और मोदी 2.0 के लिए क्षेत्रीय प्राथमिकताओं’ पर बात करते हुए श्रृंगला ने कहा कि इससे नियंत्रण रेखा, अंतरराष्ट्ररीय सीमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और दूसरे देशों के साथ संबंधों पर भी इसका कोई असर नहीं होगा।

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TAGS: Indian ambassador, usa, reorganisation of jammu and kashmir
OUTLOOK 07 August, 2019
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