पत्नी से समझौते की सलाह ने दिलाया भारतीय को गोल्ड मेडल
मनोज वासुदेवन ने कहा कि शुरुआत से ही वक्ता नहीं रहे हैं। उन्होंने 2009 में पहली बार लोगों के सामने बोलना शुरू किया। उन्होंने खुद को निखारने के लिए स्टैंड कॉमेडी करना शुरू किया।
इस बार कनाडा के वैंकूवर में आयोजित टोस्टमास्टर्स इंटरनेशनल वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ पब्लिक स्पीकिंग में जब वह बोलने लगे तो समझौता और एकता पर कही गई उनकी बात ने जजों को काफी प्रभावित किया और उन्हें गोल्ड मेडल प्राप्त हो गया।
उन्होंने कहा, ‘ जब मैं पहली बार अपनी पत्नी से मिला तो मैंने कल्पना की कि हम जीवन भर साथ रहने जा रहे हैं। लेकिन जब हमारी शादी हुई तो हमारे बीच विवाद शुरू हुए। हम बड़े, छोटे और यहां तक कि बिना किसी मुद्दे के बहस करने लगे।’ पेशे से इंजीनियर वासुदेवन के अनुसार एक बार मेरी मां ने कहा, ‘तुम कामदेव की तीर से प्यार कर बैठे हो लेकिन प्यार में बने रहने के लिए तुम्हें कामदेव का धनुष बनना पड़ेगा और समझौता करना सीखना पड़ेगा।’
चैंपियनशिप के फाइनल में प्रतिभागियों को अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय पर पांच से सात मिनट तक बोलने का समय दिया गया था। इस दौरान उनके भाषण देने की कला, विषयवस्तु और भाषा पर नजर रखी गई। वासुदेवन की जीत से यह लगातार दूसरा मौका है कि किसी सिंगापुरवासी ने यह चैंपियनशिप जीती है। पिछले साल वाशिंगटन में आयोजित चैंपियनशिप में 28 वर्षीय डेरेन टे ने विजेता होने का गौरव हासिल किया था।
टोस्टमास्टर्स इंटरनेशनल के 3,25,000 से भी ज्यादा सदस्य हैं। 141 देशों में 16,400 क्लबों में फैले इसके सदस्य भाषण देने और नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए अलग-अलग देशों में सम्मेलन करते हैं। इसी दौरान सर्वश्रेष्ठ वक्ता चुनने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। (एजेंसी)