कश्मीर पर चीन से नहीं हुई कोई बात, यह हमारा आंतरिक मसला: विदेश सचिव गोखले
दो दिवसीय भारत दौरे के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नेपाल के लिए रवाना हो चुके हैं। अनौपचारिक दौरे पर भारत आए चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कई मसलों पर बातचीत हुई। वहीं, विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ये मुद्दा उठा ही नहीं। उन्होंने कहा कि भारत बहुत पहले स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने वैश्विक आतंकवाद और इससे पैदा होने वाले खतरे पर चर्चा की।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मानसरोवर यात्रा का मुद्दा उठा. इस दौरान मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा पर बातचीत हुई। पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को मानसरोवर यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ विचार सुझाये। इसके अलावा तमिलनाडु और चीन के फुजियान राज्य के बीच संबंध बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों पर चर्चा
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बात पर सहमत थे कि मौजूदा दुनिया में आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों से निपटना जरूरी है। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और चीन न सिर्फ क्षेत्र आबादी के लिहाज से बड़े है, बल्कि विविधता के हिसाब से भी दोनों देश बड़े हैं।
शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को चीन आने का न्यौता दिया
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को चीन आने का न्यौता दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग का न्यौता स्वीकार कर लिया ह।. वे अगले साल चीन के दौरे पर जा सकते हैं।
चीन कारोबारी रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने को गंभीर
भारत ने कहा है कि चीन इंडिया के साथ कारोबारी रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए गंभीर है। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों के बीच लगभग 90 मिनट तक बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, निवेश, कैलाश मानसरोवर यात्रा, आईटी और दवा क्षेत्र पर बात हुई।
हम मतभेदों को झगड़े में नहीं बदलने देंगे: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चीन के साथ नए संबंधों की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि बीते 2000 वर्षों में ज्यादातर समय तक दोनों देश वैश्विक आर्थिक शक्तियां रहे हैं, और एक बार फिर उसी ओर बढ़ रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दो दिन की बैठक के बाद मोदी ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, हमने तय किया कि विवादों को झगड़ों में नहीं बदलने देंगे। दोनों एक दूसरे की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे। जिनपिंग ने कहा कि बातचीत से रिश्तों में नई गर्माहट आई है। दो दिनों में नेताओं के बीच कई सत्रों में लगभग साढ़े पांच घंटे तक बातचीत हुई। शनिवार को पहले दोनों नेताओं के बीच, उसके बाद प्रतिनिधि स्तर की बैठक हुई।
'आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ मिलकर काम करेंगे'
मोदी और जिनपिंग की इस मुलाकात को अनौपचारिक कहा जा रहा है। भारत और चीन के बीच वुहान में पिछले साल अनौपचारिक मुलाकात की शुरुआत हुई थी। मोदी ने कहा कि वुहान से हमारे संबंधों में नई गति और भरोसा पैदा हुआ था, चेन्नई बैठक से आपसी सहयोग के नए युग की शुरुआत होगी। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, “दोनों नेता आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं, ताकि दोनों देशों के बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक समाजों पर इनका असर न हो।”
'दोनों देशों के रिश्ते विश्व में शांति का उदाहरण'
पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते विश्व में शांति का उदाहरण हैं। हमने तय किया था कि हम मतभेद को विवाद नहीं बनने देंगे। वुहान में पिछले साल भारत और चीन के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता से हमारे संबंधों में नई स्थिरता आई और एक नई गति मिली। चीन और तमिलनाडु के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं।
बीते एक साल में भारत-चीन में सहयोग बढ़ाः जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मैं भारत में मिले सम्मान से अभिभूत हूं। मैंने और चीन से आए मेरे सहयोगियों ने इसे महसूस किया है। ये दौरान उनके और उनके साथियों के लिए यादगार दौरा रहेगा। जैसा कि कल पीएम मोदी ने कहा था, दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को द्विपक्षीय मुद्दों पर बेहद सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई थी। अनौपचारिक बातचीत से रिश्तों में नई गर्माहट आई है।