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15 February 2018

जानिए कौन हैं गुप्ता बंधु जिनकी वजह से मुसीबत में फंसे जैकब जुमा

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दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा की कुर्सी जाने में भारत के गुप्ता बंधुओं का भी बड़ा हाथ रहा है। जुमा के साथ इनके रिश्ते इतने करीबी थे कि सरकारी कामों में इनके दखल के आरोप लगते रहे हैं। इन्हीं रिश्तों की वजह से जुमा और गुप्ता बंधुओं पर मिलकर आर्थिक गड़बड़ी करने के भी आरोप लगे। यहीं कारण है कि बुधवार को एक जांच के सिलसिले में गुप्ता बंधुओं के जोहानिसबर्ग स्थित आवास पर पुलिस ने छापा मारा और यहां से तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया।

सहारनपुर के हैं रहने वाले

अजय, अतुल और राजेश नाम के ये तीनों भाई उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। करीब 25 साल पहले 1993 में ये व्यापार के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका गए थे। यहां इन लोगों ने अपने व्यापार की शुरुआत सहारा कंप्यूटर्स से की। बाद में इनका दखल खनन, वायुसेवा, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और मीडिया के क्षेत्र में भी हो गया। स्थिति यह रही कि जुमा की पत्नी, बेटे और बेटी तक ने गुप्ता बंधुओं की कंपनी में किसी न किसी रूप में काम किया।

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गुप्ता बंधुओं के पिता शिव कुमार सहारनपुर में राशन की दुकान चलाते थे। उनका पुश्तैनी मकान भी यहीं था। तीनों भाई पहले यहीं रहते थे। इनके पिता ने ही इन्हें दक्षिण अफ्रीका जाने की सलाह दी थी। शिव कुमार गुप्ता का मानना था कि दक्षिण अफ्रीका संभावनाओं से भरा देश है और भविष्य में यह विश्व में अमेरिका के तौर पर उभर सकता है। तीनों भाइयों में पहले अतुल ने दक्षिण अफ्रीका में कदम रखा था। भारत की तुलना में यहां व्यापार के ज्यादा अवसर देखने के बाद उन्होंने अपने भाइयों के साथ मिलकर यहां सहारा कंप्यूटर्स की शुरुआत की। देखते ही देखते यह काम चल निकला। इसके बाद तीनों भाइयों ने मिलकर दूसरे क्षेत्र में भी पांव पसारे।

जुमा की पत्नी, बेटी और बेटे को दी नौकरी

जैकब जुमा की पत्नी बोंगी नगेमा ने गुप्ता बंधुओं की स्वामित्व वाली जेआइसी माइनिंग सर्विसेज में कम्युनिकेशन अधिकारी के रूप में काम किया। बेटी दुदुजिले जुमा सहारा कंप्यूटर्स से बतौर निदेशक जुड़ी थीं। उन्होंने यहां तब काम शुरू किया जब जुमा को अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) का अध्यक्ष बने छह महीने हुए थे। हालांकि बाद में उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। इसी तरह जुमा के बेटे दुदुजाने जुमा भी गुप्ता बंधुओं की कंपनी में निदेशक थे पर बाद में उन्हें 2016 में लोगों के दबाव में पद छोड़ना पड़ा।

क्या सत्ता में था इनका दखल

यह सवाल भी उठता रहा है कि गुप्ता बंधुओं का जुमा शासनकाल के दौरान सत्ता पर दखल था। इन पर अपने व्यापारिक हितों के लिए सत्ता पर नियंत्रण के आरोप भी लगते रहे हैं। मार्च 2016 में उप वित्त मंत्री मकेबिसी जोन्स ने आरोप लगाया था कि गुप्ता परिवार के एक सदस्य ने 2015 में उन्हें मंत्री पद के लिए बढ़ावा देने का ऑफर दिया था। हालांकि गुप्ता बंधुओं ने इस आरोप से इनकार किया था। गुप्ता बंधुओं पर एएनसी की सांसद वाइत्जे मेंटर ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 2010 में सैकोनवर्ल्ड मैंसन में मुलाकात के दौरान सार्वजनिक उद्यम मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद का ऑफर दिया था। मेंटर ने कहा था कि इस दौरान जुमा भी वहां मौजूद थे पर जुमा ने कहा था कि इस तरह की कोई बात उन्हें याद नहीं है। इतना ही नहीं गुप्ता बंधुओं पर सत्तारूढ़ दल को भारी चंदा देने के भी आरोप लगते रहे हैं पर यह साफ नहीं है कि इन लोगों ने चंदे के रूप में कितना धन दिया।

2013 में पहली बार आए थे विवादों में

गुप्ता बंधु अप्रैल 2013 में पहली बार तब विवादों में आए थे जब इनके यहां शादी में शामिल होने आए लोगों को लेकर आया विमान प्रिटोरिया के वाटरक्लूफ एयरफोर्स के हवाई अड्डे पर उतारा गया था। यह हवाई अड्डा आमतौर पर दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के विमानों के उतरने के लिए इस्तेमाल होता है। इस विमान पर वे मेहमान सवार थे जो भारत से गए थे। इसके बाद इस घटना की दक्षिण अफ्रीका में काफी चर्चा हुई थी। सत्तारूढ़ अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) पर विपक्षी डेमोक्रेटिक एलायंस ने सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।

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TAGS: Gupta, brothers, trouble, Jacob, Zuma, south, africa
OUTLOOK 15 February, 2018
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