लंदन: 27 मंजिला इमारत में आग लगने से 6 लोगों की मौत, 200 दमकलकर्मी मौके पर
दरअसल, घटना के दौरान 27 मंजिला इमारत से सुरक्षित बाहर निकले लोगों बताया कि फंसे हुए लोग मदद के लिए चीख़ रहे थे, कुछ लोगों ने अपने बच्चों को खिड़की से बाहर निकाला हुआ था जबकि कुछ अन्य खिड़कियों से कूद रहे थे। स्थानीय पुलिस ने इमारत में फंसे लोगों के परिजनों और परिवार वालों के लिए एमर्जेंसी नंबर भी जारी किए हैं। यह नंबर 0800 0961 233 है।
उल्लेखनीय है कि इस इमारत को वर्ष 1974 में बनाया गया था। इस टावर में ज्यादातर फ्लैट्स मुस्लिम कम्युनिटी के हैं। रमजान होने की वजह से कई लोग सेहरी के लिए सुबह जल्दी उठ गए थे। आग किस वजह से लगी, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है।
बीबीसी के मुताबिक, लंदन के मेयर सादिक़ ख़ान ने कहा है कि टावर की सुरक्षा से जुड़े सवालों का जवाब मिलना बाकी है। उन्होंने कहा कि हम लोगों की सुरक्षा को जोखिम में डालने वाली स्थिति नहीं चाहते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि टावर जोखिम भरा था और इसका ठीक से ख्याल नहीं रखा जा रहा था।
फायर ब्रिगेड्स यूनियन के मैट रैक ने बताया कि आग लगने से बचाव और उससे जुड़ी सुरक्षा के मामलों में कुछ भारी चूक हुई है। केन्ज़िंग्टन और चेल्सी के नेता बॉरो निक ब्रॉन ने कहा कि जब आग लगी तब इसमें कुछ सौ लोग इमारत में ही रह गए होंगे। आग भारतीय समय के मुताबिक, सुबह 6 बजे के बाद लगी थी। अब भी इमारत से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है।
अधिकारियों का कहना है कि जब आग लगी तब क़रीब 600 लोग इमारत में मौजूद थे। बुरी तरह से झुलसी इस इमारत के भी गिरने की आशंका जताई जा रही है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।
गौरतलब है कि ऐसा ही हादसा दुबई में 2016 के न्यू ईयर सेलिब्रेशन के दौरान हुआ था। बुर्ज खलीफा के पास स्थित 63 मंजिला बिल्डिंग में भीषण आग लग गई थी। 20वीं मंजिल से आग शुरू हुई और 10 मिनट में इसने पूरी इमारत को चपेट में ले लिया था। जिसमें एक शख्स की मौत हुई थी और 16 लोग जख्मी हुए थे। हादसे के वक्त हजारों की संख्या में लोग बुर्ज खलीफा में होने वाली आतिशबाजी देखने के लिए इकट्ठा हुए थे।