तालिबान हमले के बाद अपने घर पाकिस्तान लौटीं मलाला, PM अब्बासी से मिली
लड़कियों की शिक्षा और उनके अधिकारों की वकालत करने वाली नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई करीब छह साल बाद पाकिस्तान वापस लौट गई हैं। साल 2012 में हुए तालिबान हमले के बाद वह पहली बार अपने देश वापस लौटी हैं।
बता दें कि मलाला को पाकिस्तान में 9 अक्टूबर 2012 को आतंकियों ने सिर में गोली मार दी थी। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उन्हें इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया था। तालिबानी हमले के बाद मलाला ने पाकिस्तान छोड़ दिया था और वह इंग्लैंड में रहने लगी थीं।
हमले के बाद पहली बार अपने वतन लौटने के बारे में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए उनके कार्यक्रमों और अन्य जानकारियों को गोपनीय रखा गया है।
पाक मीडिया के मुताबिक, गुरुवार सुबह करीब 1:41 बजे पाकिस्तान के बेनजीर भुट्टो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका विमान (अमिरात EK-614) उतरा। उनके पाकिस्तान आगमन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। विमान से उतरने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एक स्थानीय होटल में ले जाया गया। सुरक्षा के मद्देनजर उनकी यात्रा का विवरण गुप्त रखा गया।
गौरतलब है कि मलाला ने 2018 के जनवरी में दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में कहा था कि मुझे विश्वास है, मैं एक दिन पाकिस्तान जरूर जाऊंगी और अपने देश को देखूंगी।
पीएम खाकान से की मुलाकात
बताया जा रहा है कि मलाला ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की। जियो न्यूज के मुताबिक, मलाला पारंपरिक पाकिस्तानी सलवार, कमीज और दुपट्टा पहने विमान से बाहर निकलीं। उनके साथ उनकी मां और उनके पिता भी एयरपोर्ट पर देखे गए।
जानकारी के मुताबिक, मलाला अपने परिवार और मलाला फंड के सीईओ के साथ 'मीट द मलाला' कार्यक्रम में शामिल होंगी। वो चार दिनों तक पाकिस्तान में रहेंगी। गौर हो कि दुनिया भर में लड़कियों की शिक्षा के लिए मलाला ने मलाला फंड की स्थापना की है।
लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला
इस घटना ने लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला को दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रतीक बना दिया। घटना के बाद मलाला ब्रिटेन चली गई, जहां उनका इलाज बर्मिंघम में हुआ और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं पूरी की। मलाला 2014 में सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली व्यक्ति बनीं। वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं।