Advertisement
22 April 2019

जानिए नेशनल तौहीद जमात के बारे में, जिस पर है श्रीलंका धमाकों का शक

File Photo

श्रीलंका में रविवार को चर्च और फाइव स्टार होटलों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार 8 बम धमाकों ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इन धमाकों में 290 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, श्रीलंका में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन इस हमले के लिए श्रीलंका की पुलिस को वहां के चरमपंथी इस्लामिक संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) पर शक है। सरकार के प्रवक्ता रजित सेनारत्ने ने बताया कि इसमें स्थानीय लोग ही शामिल हैं और उनके इंरनेशनल लिंक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल को इंटरनेशनल इंटेलीजेंस एजेंसियों ने इन धमाकों को लेकर आगाह किया था।

नेशनल तौहीद जमात के बारे में

नैशनल तौहीद जमात श्रीलंका का एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है। इसे तौहीद-ए-जमात के नाम से भी जाना जाता है। इस संगठन पर श्रीलंका में वहाबी विचारधारा को बढ़ाने का आरोप है। इस संगठन का प्रभाव श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में ज्यादा देखा गया है। यह संगठन देश के कई हिस्सों में महिलाओं के लिए बुर्का और मस्जिदों के निर्माण के साथ शरिया कानून को आगे बढ़ाने में लगा है।

Advertisement

आईएसआईएस से जुड़ा था नाम

इस संगठन का नाम पहली बार 2013 में सामने आया था। श्रीलंका के तत्कालीन रक्षा मंत्री ने इस संगठन को लेकर चिंता जताई थी। उस दौरान खुफिया एजेंसियों ने इस संगठन के आईएसआईएस से तार जुड़े होने की बात कही थी। आईएसआईएस (ISIS) से प्रभावित लोगों के इस संगठन से जुड़े होने की बात भी सामने आई थी। इन हमलों में इस संगठन पर सबसे ज्यादा शक होने का भी यही कारण है।

बुद्ध की मूर्ति तोड़कर बटोरी थी सुर्खियां

श्रीलंका के इस कट्टरपंथी संगठन ने साल 2014 में बुद्ध की मूर्तियों को तोड़कर सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी थीं। इसे लेकर श्रीलंका में कई जगह इस संगठन का विरोध भी हुआ था।

2016 में संगठन से पहली गिरफ्तारी

इस संगठन के सचिव अब्दुल रैजिक अपने भड़काऊ बयानों के लिए मशहूर हैं। 2014 में ही अब्दुल ने बौद्ध धर्म को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसी तरह के कुछ और बयानों के चलते विवादों में आने के बाद अब्दुल को 2016 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था। 2016 में ही इस संगठन पर कई इलाकों में हिंसा भड़काने का भी आरोप लग चुका है।

शांतिप्रिय मुस्लिमों ने किया था विरोध

2014 में पीस लविंग मुस्लिम्स इन श्रीलंका (PLMMSL) ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार, श्रीलंका के राष्ट्रपति और अन्य कई राजनयिकों को पत्र तक लिखा। इस संगठन ने तर्क दिया था कि तौहीद जमात देश में असहिष्णुता फैलाने के साथ-साथ इस्लामिक आंदोलनों पर दबाव भी बना रहा है।

एक धड़ा भारत के तमिलनाडु में भी सक्रिय

तौहीद जमात का एक धड़ा तमिलनाडु में भी सक्रिय है। यहां इसे तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के नाम से जाना जाता है। तमिलनाडु के इस संगठन के खिलाफ अक्टूबर 2017 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस संगठन पर जबरन ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने का आरोप लगा था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: National tawheed jamath, terrorist organisation, sri lanka
OUTLOOK 22 April, 2019
Advertisement