पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान से किसी आतंकवादी गतिवधि की अनुमति नहीं, तालिबान ने दिया आश्वासन
अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया है कि वह इस्लामाबाद के खिलाफ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) सहित आतंकवादी संगठनों द्वारा अपनी धरती का समर्थन या इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगी। दोनों पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा जताई।
तालिबान की ओर से पहले भी इस तरह के आश्वासन दिए जा चुके हैं। हालाँकि, तालिबान की अंतरिम सरकार के सत्ता में होने के साथ, यह अफगान प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद का यह पहला विशेष आश्वासन है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, महानिदेशक (डीजी) इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और विभिन्न मंत्रालयों के अन्य सदस्यों की काबुल की यात्रा के बाद यह बयान आया है। कुरैशी ने कहा कि तालिबान ने यह स्पष्ट कह दिया है कि न तो प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और न ही प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने अफगानिस्तान में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी और पाकिस्तान में अपने सहयोगियों को उनके निरंतर समर्थन पर पाकिस्तान की चिंता व्यक्त की थी, जो देश में आतंकवादी हमले और बम विस्फोट कर रहे हैं।
कुरैशी ने कहा कि तालिबान को बताया गया कि किस तरह से पाकिस्तान पूरी दुनिया से अफगानिस्तान में सहायता कार्यक्रमों के लिए आग्रह कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की जा रही है कि इस देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त होने से बचाए।
यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। विवरण के अनुसार, सुरक्षा, व्यापार, मानवीय सहायता और अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं सहित व्यापक विषयों पर चर्चा की गई।