जनरल बाजवा के कार्यकाल विस्तार के लिए इमरान सरकार ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका
पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। साथ ही सरकार ने कोर्ट से अपील की है कि एक बड़ी पीठ मामले की सुनवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त बाजवा के सेवा विस्तार को मंजूरी दी थी। हालांकि कोर्ट के इस फैसले को इमरान सरकार के लिए राहत माना गया था लेकिन कोर्ट ने सरकार के मुताबिक तीन साल नहीं बल्कि मात्र 6 माह का ही कार्यकाल बढ़ाने का फैसला दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन छह महीनों में संसद सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार और इससे जुड़े अन्य मामलों पर स्पष्ट कानून बनाए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई में तीन सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की थी। चीफ जस्टिस आसिफ साईद खान खोसा के अलावा इस पीठ में जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल और जस्टिस मंसूर अली शाह भी थे।
'कानूनी पहलुओं की गई अनदेखी'
सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि इस फैसले में बेहद अहम संवैधानिक और कानूनी पहलुओं की अनदेखी की गई है। सुप्रीम कोर्ट पूर्व में एडहॉक और अतिरिक्त जजों के सेवा विस्तार को भी मंजूरी देता रहा है। कोर्ट ने सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार मामले में जजों के सेवा विस्तार की नजीर को भी नहीं देखा।
'सुरक्षा से जुड़े हैं देश के हालात'
सरकार ने कहा है कि इस फैसले में कार्यपालिका के अधिकारों को कम कर दिया गया है। कानून में सैन्य प्रमुख की सेवा अवधि के बारे में स्पष्ट अवधि इसीलिए नहीं है क्योंकि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह स्थितियों के हिसाब से सैन्य प्रमुख को सेवा विस्तार दें या न दें। याचिका में यह दलील भी दी गई है कि सेना एक सुरक्षा संस्था है। देश के हालात पाकिस्तान के सुरक्षा हालात से जुड़े हैं। इसलिए कोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।