पाकिस्तान की कोर्ट ने क्यों कहा- इस आरोपी को 4 बार फांसी दो
सात साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के दिल दहला देने वाले केस में आज पाकिस्तान की एक आतंकरोधी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए उसे मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को बेहद संगीन माना और कहा कि बलात्कारी को चार बार मौत की सजा मिलनी चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में दो महीने के भीतर ही फैसला सुना दिया।
पीटीआई के मुताबिक, यह घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में हुई थी। सात साल की मासूम बच्ची के बलात्कार और हत्या के आरोप में पड़ोसी 24 साल के इमरान अली को गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को कोर्ट लखपत के लाहौर सेंट्रल जेल में जज ने सजा का ऐलान किया। कोर्ट ने कहा कि इस केस के मुख्य अभियुक्त इमरान अली को चार आरोपों के तहत मौत की सजा अपहरण, रेप, मर्डर और एंटी टेरररिज्म की धारा-7 के तहत आतंक की गतिविधि के लिए सुनाई। कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ दो महीने के अंदर ही फैसला सुना दिया।
इस मामले से पाकिस्तान के लोगों ने कई शहरों में प्रदर्शन किया था। इस घटना को पाकिस्तान की निर्भया जैसा घटना कहा जाने लगा था। पाकिस्तान के अलावा दुनिया के कई देशों में भी इस घटना की निंदा की गई। फांसी की सजा के अलावा 25 साल जेल की सजा भी सुनाई गई है। इसी के साथ 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सरकारी वकील एहतेशाम कादिर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आरोपी को अपना बचाव करने के लिए सभी मौके दिए गए, लेकिन उसने अपने अपराध को स्वीकार किया। दोषी इमरान के खिलाफ अब ऊपरी अदालत में अपील के लिए 15 दिन का वक्त है। मुकदमे की कार्यवाही को देखने के लिए मासूम जैनब के पिता हाजी मुहम्मद अमीन भी कोर्ट लखपत पहुंचे थे। इस दौरान सेंट्रल जेल के पास सुरक्षा के जबर्दस्त इंतजाम किए गए थे।
गौरतलब है कि पांच जनवरी को बच्ची लापता हो गई थी। उसके माता-पिता सऊदी अरब गए हुए थे और वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रह रही थी। इसके बाद 9 जनवरी को शाहबाज खान रोड के पास कचरे के एक ढेर से उसका शव बरामद किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई थी।