Advertisement
08 September 2016

मोदी ने लाओस के पीएम से की मुलाकात, दक्षिण चीन सागर पर भी हुई चर्चा

google

उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्‍ट्र के समुद्री कानून समझौते :यूएनसीएलओएस: के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। भारत की ओर से ये टिप्पणियां चीन द्वारा विवादित दक्षिण चीन सागर में अपनी दबंगई दिखाए जाने और उभरती क्षेत्रीय चुनौतियों के बीच की गई हैं। दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र पर स्वामित्व को लेकर बीजिंग का फिलीपीन, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया और ब्रुनेई के साथ विवाद चल रहा है। दक्षिण चीन सागर एक व्यस्त जलमार्ग है, और भारत का 50 प्रतिशत व्यापार इसी मार्ग से होता है।

इससे पहले चीन ने भारत के ओएनजीसी :आॅयल एंड नेचुरल गैस कमीशन: द्वारा वियतनाम के निमंत्रण पर दक्षिण चीन सागर में खनन शुरू करने पर भी आपत्ति जताई थी। माना जाता है कि दक्षिण चीन सागर की गहराईयों में तेल एवं गैस का बड़ा संग्रह मौजूद है। भारत और अमेरिका अंतरराष्‍ट्रीय जलक्षेत्र में आवागमन की स्वतंत्रता का आवाहन करते रहे हैं। उनकी इस मांग से चीन असहज हो जाता है। हालांकि हाल ही में दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को एक अंतरराष्‍ट्रीय न्यायाधिकरण ने खारिज करते हुए फिलीपीन के पक्ष में फैसला सुनाया था।

आसियान-भारत एवं पूर्व एशिया सम्मेलन में शिरकत करने आए मोदी ने इन बैठकों से इतर लाओस के प्रधानमंत्री के साथ बैठकें कीं। सिसोउलिथ ने कहा कि उनका देश संशोधित एवं विस्तारित संयुक्त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ को उचित तरीके से मनाने पर भी सहमति बनी।

Advertisement

मोदी ने कहा कि वह भारत और लाओस द्वारा वर्षगांठ मनाए जाने के अवसर पर वियंतियन में मौजूद होने पर खासतौर से खुश हैं। उन्होंने कहा कि भारत और लाओस के बीच संबंध बेहद प्राचीन हैं और 2000 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। लाओस के प्रधानमंत्राी ने भारत की ओर से उनके देश को दिए जाने वाले सतत सहयोग के लिए भारत की सराहना की। यह सहयोग खासतौर पर मानव संसाधन विकास, कृषि, सिंचाई और बिजली के क्षेत्रा में दिया जाता है। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी इन सम्मेलनों से इतर कई द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे। इनमें अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा, दक्षिण कोरियाई राष्‍ट्रपति पार्क गुन-हे और म्यांमा की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ मुलाकात शामिल है।

कल जापान के प्रधानमंत्राी शिंभुाो आबे के साथ वार्ता के दौरान, भारत और जापान ने आतंकवाद से मुकाबले, असैन्य परमाणु सहयोग, व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रा में संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया। भाषा एजेंसी 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: दक्षिण चीन सागर, पीएम मोदी, लाओस, आसियान, चीन, अमेरिका, भारत, india, south china sea, china, america, asean, pakistan
OUTLOOK 08 September, 2016
Advertisement