यूक्रेन मुद्दे पर रुस पर प्रतिबंधों का दौर शुरू, ब्रिटेन ने 5 बैंकों पर लगाया प्रतिबंध तो जर्मनी ने रूसी गैस पाइपलाइन को किया रद्द
यूक्रेन संकट के बीच दुनिया की ओर से रूस पर प्रतिबंधों का दौर शुरू हो गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को रूस के पांच बड़े बैंकों और देश के तीन 'हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों' पर प्रतिबंध लगा दिया है तो जर्मनी ने रूसी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है। वहीं,, अमेरिका ने भी रूस पर पाबंदियों का ऐलान किया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पुतिन पर यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रुस ने अंतरराष्ट्रीय कानून को तार-तार कर दिया है। जॉनसन ने कहा, ‘उन्होंने सैनिकों को अंदर भेजा है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है, उन्होंने मिन्स्क समझौतों को खारिज किया और वर्ष 1994 में बुडापेस्ट में बनी सहमति को भी तार-तार कर दिया जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात है। ’उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध’ शुरू करने को लेकर अड़े हुए हैं।
रोसिया, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रोम्सवाज़बैंक और ब्लैक सी बैंक के साथ-साथ अरबपति गेन्नेडी टिमचेंको, बोरिस रोटेनबर्ग और इगोर रोटेनबर्ग को तीन "हाई नेट वर्थ वाले लोगों" कपर प्रतिबंध लगाया है। तीनों पुतिन के सहयोगी के रूप में कई वर्षों से अमेरिकी प्रतिबंध सूची में हैं।
जॉनसन ने संसद को बताया, "यूके में उनकी कोई भी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी, संबंधित व्यक्तियों को यहां यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा, और हम ब्रिटेन के सभी व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके साथ किसी भी तरह का लेन-देन करने से रोकेंगे।"
उन्होंने कहा, "यूनाइटेड किंगडम अपने सहयोगियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस चुनौती का सामना करेगा, यह निर्धारित किया है कि हम पुतिन को अपने महाद्वीप को वापस हॉब्सियन प्रकृति की स्थिति में खींचने की अनुमति नहीं देंगे।"
जॉनसन ने कहा, "और यह ठीक है क्योंकि दांव इतने ऊंचे हैं कि यूक्रेन में पुतिन का उद्यम विफल होना चाहिए, अंततः विफल होना चाहिए और असफल होना चाहिए। इसके लिए पूरे पश्चिमी गठबंधन की दृढ़ता, एकता और संकल्प की आवश्यकता होगी, और ब्रिटेन यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा कि एकता बनी रहे।