भारत के सोनम वांगचुक और भारत वटवानी को मैग्सेसे अवार्ड
भारत के सोनम वांगचुक और डॉक्टर भारत वटवानी उन छह लोगों में शामिल हैं जिन्हें इस साल का रैमन मैग्सेसे अवार्ड देने की घोषणा की गई है। इस अवार्ड को एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। कंबोडिया के यूक चांग, ईस्ट तिमोर की मारिया डी लाउरडेस मार्टिंस क्रूज, फिलीपींस के हावर्ड डी और वियतनाम की वो थि होंग येन रोम का नाम भी इस सूची में है।
सोनम वांगचुक को प्रकृति, संस्कृति और शिक्षा के जरिए सामुदायिक प्रगति के लिए काम करने को लेकर यह सम्मान मिला है। वहीं, भारत वटवानी को सड़क पर भीख मांगने वाले हजारों मानसिक रोगियों का इलाज करवाने और उन्हें उनके परिवार से मिलवाने के लिए पुरस्कार दिया गया है।
सोनम वांगचुक ने 1988 में इंजिनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स एजुकेशन ऐंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसइसीएमओएल) की स्थापना की और लद्दाखी छात्रों को कोचिंग देना शुरू किया। 1994 में वांगचुक ने 'ऑपरेशन न्यू होप' शुरू किया। फिल्म '3 इडियट्स' में आमिर खान वाला फुनशुक वांगड़ू का किरदार काफी हद तक वांगचुक के जीवन पर ही आधारित था।
डॉक्टर भारत वटवानी और उनकी पत्नी ने पहले छोटे स्तर पर ही दिमागी तौर पर बीमार सड़कों पर रहने वालों का प्राइवेट क्लिनिक में इलाज करवाना शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने सड़कों पर रह रहे मानसिक रोगियों को आश्रय देने, खाना मुहैया कराने, दिमागी इलाज कराने और परिवार से मिलवाने के मकसद से 1988 में श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन की स्थापना की। इस काम में वटवानी परिवार की मदद पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ता और कई अन्य लोग भी करते थे।
फिलीपींस के राष्ट्रपति की 1957 में एक प्लेन क्रैश में हुई मौत के बाद इस पुरस्कार को शुरू किया गया था। यह पुरस्कार 31 अगस्त को मनीला में दिए जाएंगे।