ब्रिटेन, यूरोपीय संघ में नई ब्रेग्जिट डील पर बनी सहमति, संसद की लेनी होगी मंजूरी
लंबे इंतजार के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में नई ब्रेग्जिट डील पर सहमति बन गई है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने खुद गुरुवार को इसकी घोषणा की। हालांकि इसके लिए यूरोपीय और ब्रिटिश संसद की मंजूरी की जरूरत होगी। पीएम जॉनसन ने कहा कि अब ब्रिटेन को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और हम दुनियाभर के देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित कर पाएंगे।
जॉनसन ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम एक नए डील पर पहुंचने में कामयाब रहे हैं। अब संसद को शनिवार इस डील को मंजूरी देेने का आग्रह किया है ताकि हम अपनी नई प्राथमिकताओं की तरफ बढ़ें।' उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में लोगों के रहने की लागत, एनएचएस, हिंसक अपराध और पर्यावरण पर काम करने की बात कही।
'निष्पक्ष और संतुलित समझौता'
वहीं, यूरोपीय संघ के 28 नेताओं की बैठक से पहले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'जहां चाह है वहां डील है। हम एक हैं। यह यूरोपीय संघ और ब्रिटेन दोनों के लिए निष्पक्ष और संतुलित समझौता है।'
2016 में हुआ था जनमत संग्रह
बता दें कि ब्रिटेन में 2016 में हुए जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने का फैसला किया था। जॉनसन ने कार्यभार संभालने के बाद साफ किया था कि वह जनमत संग्रह के परिणाम को नहीं बदलेंगे। हालांकि, जॉनसन ने कहा था कि अपनी पूर्ववर्ती टरीजा मे के विदड्रॉल एग्रीमेंट की जगह एक नए सौदे पर पर जोर देंगे। जॉनसन ने इससे पहले जोर देते हुए कहा है कि ब्रिटेन ईयू को 31 अक्टूबर को सौदे के साथ या बिना सौदे को छोड़ देगा।
टरीजा को छोड़ना पड़ा था पद
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने हाल ही में संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि हमारी सरकार 31 अक्टूबर तक यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए प्रतिबद्ध है जो कि इसकी आखिरी डेडलाइन है। ब्रेग्जिट डील के कारण पूर्व पीएम टरीजा मे को अपना पद भी छोड़ना पड़ा था।