भारत आईं अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा, धर्म की आजादी भी जरूरी
तीन दिवसीय दौरे पर भारत आई यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली बुधवार को दिल्ली के हुमायूं का मकबरा घूमने पहुंची। उन्होंने कहा, ‘हमें एक दूसरे के विश्वास की तरफ कदम उठाने चाहिए क्योंकि मेरा मानना है कि धर्म की आजादी भी उतनी ही जरूरी है जितनी अधिकारों और लोगों की आजादी।‘
निक्की हेली ने कहा कि उनकी इस यात्रा का मकसद भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच के संबंधों को मजबूत करना है। भारत और अमेरिका दो सबसे पुराने लोकतंत्र हैं। मेरा मानना है कि कई स्तरों पर दोनों के काम करने के तरीके एक समान हैं चाहे वह आतंकवाद का मुकाबला करना हो या कुछ और। इसके लिए हम सैन्य पहलू पर अधिक दृढ़ता से काम करना शुरू करेंगे।
अमेरिकी राजदूत ने कहा, 'भारत वापस आने पर मुझे खुशी है। हुमायूं का मकबरा उतना ही सुंदर है जितना मैंने सोचा था। हुमायूं का मकबरा हमें इस बात की याद दिलाता है कि हम संस्कृति को कितना महत्व देते हैं। भारत संस्कृति के संरक्षण को महत्व देता है।'
हेली भारत के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगी तथा अमेरिका, भारत संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कारोबारियों के समूह, सरकारी अफसरों, छात्रों और नागरिक समाजों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी।
भारतीय मूल की निक्की हेली ट्रंप सरकार में अमेरिकी राजदूत हैं और यह पद संभालने के बाद पहली बार भारत दौरे पर आई हैं। हेली के पिता अजीत सिंह रंधावा और मां राज कौर रंधावा अमृतसर से अमेरिका जाकर बस गए थे। हेली आखिरी बार 2013 में भारत आईं थीं, वह उस समय साउथ कैरोलिना की गवर्नर थीं।