अफगानिस्तान: गूगल ने पुरानी सरकार के अकाउंट्स किए लॉक, कंपनी से तालिबान कर रहा बड़ी मांग
गूगल ने अफगानिस्तान सरकार के कई ईमेल अकाउंट्स को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है। यानी इसने अफगान सरकार के अकाउंट्स को लॉक कर दिया है। जानकारी के अनुसार गूगल ने अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों द्वारा छोड़े गए दस्तावेजों के लीक होने के डर से यह करम उठाएं हैं क्योंकि, तालिबान सरकार गूगल से अकाउंट्स का एक्सेस मांग रहा था।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के अमेरिका समर्थित सरकार को हटाकर अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ये दावा किया जा रहा है कि तालिबान किस प्रकार से बायोमेट्रिक और अफगान पेरोल डेटाबेस का प्रयोग अपने शत्रुओं के खिलाफ कर सकता है।
शुक्रवार के एक बयान में अल्फाबेट इंक के गूगल ने इस बात की पुष्टि किया है कि अफगान सरकार के खातों को बंद कर दिया गया है। गूगल ने ये कहते हुए कदम उठाया है कि कंपनी अफगानिस्तान में स्थिति की निगरानी कर रही है और "प्रासंगिक खातों को सुरक्षित करने के लिए अस्थायी कार्रवाई कर रही है।"
पूर्व सरकार के एक कर्मचारी ने रॉयटर्स को बताया है कि तालिबान पूर्व अधिकारियों के ईमेल हासिल करने की कोशिश कर रहा है। बता दें, अफगानिस्तान में अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। शुक्रवार को तालिबान ने दावा किया कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा जमा लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर को भी अब तालिबान ने कंट्रोल कर लिया है। रिपोर्ट ये भी है कि खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर से भाग गए हैं।
वहीं, दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जा होने के बाद पाकिस्तान उसका समर्थन कर रहा है। अब तालिबान के फलने-फुलने को लेकर भारत ने अमेरिका में इमरान सरकार की जमकर क्लास लगाई है। भारत ने शुक्रवार को कहा है कि आतंक के आका के नाम से मशहूर पाकिस्तान ने ही तालिबान को पाला-पोसा है।