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12 February 2024

कतर में फांसी की सजा पाए 8 भारतीय नागरिक रिहा, भारत सरकार ने किया फैसले का स्वागत

कतर ने जेल में बंद उन आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है जिन्हें करीब साढ़े तीन महीने पहले संदिग्ध जासूसी के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं और देश अपने नागरिकों की रिहाई तथा उनकी घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करता है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है।’’

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मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।’’

कांग्रेस ने सोमवार को कहा की वह कतर से नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की रिहाई पर देशवासियों के साथ खुशी में खुद को शामिल करती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है कि कतर में अदालत से फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी रिहा होकर घर वापस आ गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें और उनके परिवारजनों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।’’

 

बता दें कि नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड को कम कर दिया था और पूर्व नौसैन्य कर्मियों को अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी।

निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। न तो कतर के अधिकारियों और न ही भारत ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया।

पिछले साल 25 मार्च को भारतीय नौसेना के आठ कर्मियों के खिलाफ आरोप दाखिल किए गए थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था।

अपीलीय अदालत ने मौत की सजा को कम करने के बाद भारतीय नागरिकों को उनकी जेल की सजा के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया था।

पिछले साल मई में अल-दहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया और वहां काम करने वाले सभी लोग (मुख्य रूप से भारतीय) देश लौट आए।

भारत सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों को लागू करने की संभावना भी विचार कर रहा था।

भारत और कतर के बीच 2015 में हुए समझौते के तहत भारत तथा कतर के उन नागरिकों के अपने-अपने देश में सजा काटने का प्रावधान है जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है।

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TAGS: 8 Indian citizens, sentenced to death, Qatar, Government of India, welcomed the decision
OUTLOOK 12 February, 2024
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