अफगानिस्तान में 2016 में सबसे ज्यादा आम नागरिक हताहत हुए : संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि नाटो का लड़ाकू अभियान दो साल से ज्यादा वक्त पहले खत्म हो गया था लेकिन अफगान बलों और आतंकवादियों के बीच आबादी वाले इलाकों में हो रही लड़ाई आम नागरिकों के हताहत होने की प्रमुख वजह है। संयुक्त राष्ट्र ने आम नागरिकों की मौत के आकंड़ों का दस्तावेजीकरण वर्ष 2009 में शुरू किया था।
विश्व निकाय की रिपोर्ट कहती है कि पीडि़तों में 3,500 से ज्यादा बच्चे हैं। इस आंकड़े में एक साल में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका प्रमुख कारण हताहतों की संख्या में 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी होना है जिनमें से ज्यादातर बच्चे हैं।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन :यूएनएएमए: ने कहा है कि इस दौरान 11,418 आम नागरिक हताहत :3,498 लोगों की मौत हुई है और 7,920 जख्मी हुए हैं: हुए हैं। इसमें 2015 की तुलना में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। मिशन के मनावाधिकार निदेशक डेनिएल बेल ने कहा कि लड़ाई सभी 34 प्रांतों में फैली हुई है और यूएनएएमए के मुताबिक रिकाॅर्ड संख्या में आम नागरिक मैदानी लड़ाई, फिदायीन और जटिल हमलों, जंग के अवशेषों में विस्फोट से हताहत हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में हवाई हमलों में अब तक सबसे ज्यादा आम नागरिक हताहत हुए हैं। कुल 590 लोग हताहत हुए हैं जिनमें से 250 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र बीते आठ वर्षों से सालाना रिपोर्ट जारी कर रहा है और तब से लेकर अब तक संघर्ष में 24,841 आम नागरिकों की लोगों की मौत हुई है और 45,347 लोग जख्मी हुए हैं।
सर्वाधिक संख्या :61 प्रतिशत: में लोगों को हताहत करने के जिम्मेदार सरकार विरोधी तत्व हैं, मुख्य रूप से तालिबान साथ ही इस्लामिक स्टेट समूह। जबकि 24 फीसदी लोगों को हताहत करने के जिम्मेदार सरकार समर्थक बल हैं। एजेंसी