Advertisement
04 July 2019

हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर हुआ पाकिस्तान, आतंकी फंडिंग मामले में केस दर्ज

File Photo

आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा पाकिस्तान अब ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए ऐक्शन लेने को मजबूर हो गया है। पाकिस्तान में जमात उद दावा के प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ आतंकी फंडिंग के 23 मामले दर्ज किए गए।  

पाकिस्तान के आतंकरोधी विभाग (सीटीडी) ने एक बयान जारी कर बताया कि आतंकी फंडिंग के लिए पांच ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। बयान के मुताबिक, लश्कर ए तैयबा से जुड़े जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन को भी निशाना बनाया गया है।

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इन लोगों और संगठनों की सभी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाएगा और बाद में सरकार इन्हें जब्त कर लेगी।' विभाग ने बताया कि सरकार की यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के मुताबिक है।

Advertisement

एफएटीएफ के दबाव का नतीजा

दरअसल, पाकिस्तान सरकार के इस कदम को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दबाव का नतीजा माना जा रहा है। आतंकी फंडिंग रोकने, दुनियाभर की वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए गठित अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले दिनों पाकिस्तान को चेतावनी दी
थी कि अगर वह इस संबंध में मान्य अंतरराष्ट्रीय नियमों को लागू नहीं करता है तो उसे अक्टूबर, 2019 में प्रतिबंधित किया जा सकता है।

एफएटीएफ ने कहा था कि यह चिंतित करने वाली बात है कि पाकिस्तान एक जनवरी और फिर एक मई वाला टारगेट पूरा नहीं कर पाया है। एफएटीएफ ने अपने एक बयान में कहा था, ‘एफएटीएफ ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह अक्टूबर 2019 तक अपनी कार्ययोजना को तेजी से पूरा करे, नहीं तो उसके खिलाफ अगला कदम उठाया जाएगा।

फिलहाल एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान

पाकिस्तान को जून, 2018 में एफएटीएफ ने निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में रखा था। पिछले दो दिनों से अमेरिका में चल रही बैठक में इस एजेंसी ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में ही रखने का फैसला किया है। वैसे पाकिस्तान में सरकार और मीडिया इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर प्रचारित कर रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान अभी भी खतरे से बाहर नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय संस्था है एफएटीएफ

एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसकी स्थापना जी-7 देशों की पहल पर 1989 में की गई थी। संस्था का मुख्यालय पेरिस में है, जो दुनियाभर में हो रही मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए नीतियां बनाती है। साल 2001 में इसने अपनी नीतियों में चरमपंथ के वित्तपोषण को भी शामिल किया था।

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है हाफिज सईद

गौरतलब है कि हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। पाकिस्तान में जमात उद दावा नामक संगठन चलाता है। 2008 में मुंबई हमले का सूत्रधार रहा जिसमें 164 लोग मारे गए। इसी हमले के बाद अमेरिका ने इसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है। 2006 में मुंबई ट्रेन धमाकों में भी इसका हाथ रहा। 2001 में भारतीय संसद तक को इसने निशाना बनाया। एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Amid Global Pressure, Pakistan, Books, Hafiz Saeed, For 'Terror Financing'
OUTLOOK 04 July, 2019
Advertisement