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16 January 2019

ब्रिटिश संसद में गिरा ब्रेग्जिट डील पर बिल, पीएम टेरीजा मे को देना पड़ सकता है इस्तीफा

ANI

ब्रिटिश संसद ने ब्रेग्जिट डील को भारी बहुमत से नकार दिया है। ब्रेक्जिट डील के तहत यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की योजना है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे के इस बिल को 432 सांसदों ने सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि 202 सांसदों ने बिल का समर्थन भी किया है। डील खारिज होने के बाद ब्रिटेन की यूरोपीय संघ से अलग होने की योजना खटाई में पड़ गई है। वहीं पीएम टेरीजा को इस्तीफा तक देना पड़ सकता है।

गौर करने वाली बात यह है कि इस बिल की वोटिंग में प्रधानमंत्री मे के कई सांसदों ने इसका विरोध किया। मे की कजर्वेटिव पार्टी के 118 सांसदों ने विरोधी खेमे के साथ मिलकर इस बिल के खिलाफ मतदान किया। हालांकि विपक्षी लेबर पार्टी के तीन सांसदों ने डील का समर्थन किया। कहा जा रहा है कि किसी बिल या मसौदे पर ये किसी भी मौजूदा सरकार के लिए सबसे बड़ी हार है।

प्रधानमंत्री की योजना को मिली इस करारी हार के बाद विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास मत का प्रस्ताव दिया है।

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टेरीजा मे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

ब्रिटिश प्रधानमंत्री मे की इस ऐतिहासिक हार के बाद विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास मत का प्रस्ताव दिया है। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि प्रधानमंत्री की ब्रेग्जिट डील खारिज होने से स्पष्ट है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है। इससे पहले कॉर्बिन ने कहा था कि प्रधानमंत्री टेरीजा मे सांसदों की चिंताओं को दूर करने में पूरी तरह से असफल रही हैं और यदि वह मतदान में हार जाती हैं तो उन्हें चुनाव कराना चाहिए। हालांकि कई सांसदों और मे की सरकार को समर्थन देने वाले दलों ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने इस समझौते का विरोध किया है, प्रधानमंत्री का नहीं। इस बीच में टेरीजा मे ने कहा कि यदि वो विश्वास मत हासिल कर लेती हैं तो वो सोमवार को एक दूसरे मसौदे को संसद में प्रस्तुत करेंगी। यदि वे सदन का विश्वास हासिल करने में नाकाम रहती हैं तो उन्हें या किसी और को 14 दिनों के भीतर सदन का विश्वास हासिल करने का अवसर मिलेगा। लेकिन अगर कोई सरकार नहीं बन पाती है तो फिर ब्रिटेन में आम चुनाव का ऐलान होगा।

इससे पहले टलवा चुकी हैं वोटिंग

पीएम टेरीजा मे को वोटिंग से पहले ही अपनी हार का डर सता रहा था और वह पहले भी एक बार मतदान टलवा चुकी थीं। वह बार-बार सांसदों से पक्ष में वोट करने की अपील कर रही थीं। लगभग 18 महीने तक चली बातचीत की प्रक्रिया के बाद नवंबर में यूरोपीय संघ के साथ ब्रेग्जिट समझौते पर सहमति बनी थी। दिसंबर में समझौते को लेकर निम्न सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में वोटिंग होनी थी, लेकिन हार के डर से इसे टाल दिया गया था।

अब क्या होगा

ब्रेग्जिट से अलग होने के लिए 29 मार्च की तारीख तय की गई है। अभी इसमें दो माह का वक्त बचा है। अब ब्रिटिश संसद में प्रस्ताव पारित नहीं होने की स्थिति में ब्रिटेन की यूरोपीय संघ छोड़ने की योजना ठंडे बस्ते में जा सकती है। या फिर ब्रेग्जिट के लिए और समय की मांग की जा सकती है। साथ ही ब्रेग्जिट को लेकर जनता के पास दोबारा जनमत संग्रह के लिए भी जाया जा सकता है। यदि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो 29 मार्च 2019 को ब्रिटेन बगैर किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा।

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TAGS: Brexit deal, British Prime Minister Theresa May, defeated, UK Parliament, 432 No votes, 202 Yes votes
OUTLOOK 16 January, 2019
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