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19 April 2018

कठुआ रेप की निंदा, पाकिस्तान को चेतावनी, जानें लंदन में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी

ANI

लंदन के ऐतिहासिक वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने दुनियाभर के लोगों के आए सवालों जवाब भी दिए। कठुआ रेप, आतंकवाद, सर्जिकल स्ट्राइक समेत कई अन्य मसलों पर उन्होंने चर्चा की। जानिए, अहम बातें जो ‘भारत की बात सबके साथ' में नरेन्द्र मोदी ने कही-

बलात्कार का मतलब सिर्फ बलात्कार

जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुए बलात्कार को लेकर नरेन्द्र मोदी ने बयान दिया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "बलात्कार सिर्फ बलात्कार है। हम अपनी बेटियों के साथ हुए इस शोषण को कैसे सहन कर सकते हैं?"

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  प्रधान मंत्री ने कहा, "जब किसी बच्ची के साथ बलात्कार किया जाता है, तो क्या हम पहले सरकारों की तुलना करते हैं? यह शर्मनाक है। हम यह नहीं कह सकते कि हमारी सरकार में कितने बलात्कार हुए और आपके में कितने। इस मुद्दे से निपटने का यह तरीका नहीं हो सकता है।"  

उन्होंने आगे कहा कि एक बच्ची के साथ बलात्कार करने से बदतर कुछ नहीं है। उन्होंने दर्शकों की ओर प्रश्न उठाते हुए कहा कि माता-पिता चिंतित क्यों होते हैं जब उनकी लड़की देर से घर आती है लेकिन लड़के को उसके ठिकाने के बारे में कभी नहीं पूछते।

मोदी ने कहा कि इस पर आरोप प्रत्यारोप नहीं होना चाहिए। मैंने लालकिले से कहा था कि बेटियों से सवाल करने वाले बेटों से सवाल क्यों नहीं करते। बेटी के साथ जघन्य अपराध करने वाला भी किसी का बेटा ही है।

आतंकवाद को उसी की भाषा में जवाब देना जानता हूं

सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल पूछा गया तो मोदी ने कहा कि जब कोई आतंकवाद फैलाता है, युद्ध लड़ने की ताकत नहीं हो और पीठ पर वार करता हो तो मैं उसी की भाषा में जवाब देना जानता हूं। सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह प्लान्ड थी। इसके बारे में पहले पाकिस्तान को फिर मीडिया को बताया। पाकिस्तान से कहा कि वो अपनी लाशें उठा ले।

‘मैंने किताब पढ़कर गरीबी नहीं सीखी’

मोदी ने कहा कि मुझे किताब पढ़कर गरीबी सीखनी नहीं पड़ी। मैंने गरीबी टीवी पर देखकर नहीं सीखा। मैं इससे जद्दोजहद करके यहां तक आया हूं।

मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा था कि 18 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। इसका मतलब है कि बाकी गांवों में पहुंची है, जिन्होंने पहुंचाई उनको सौ-सौ सलाम. मैंने पूछा कि कितने दिन लगेंगे, अधिकारियों ने बताया कि सात साल लगेंगे, मैंने कहा कि मैं इतना इंतजार नहीं कर सकता। अब लगभग सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है। सौ-डेढ़ सौ गांव बचे हैं।

उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा था कि जिस तराजू से तोलिए तो यह देखिए कि आखिरी छोर पर बैठे इंसान को इससे क्या मिल रहा है। गांधी की यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई है।

रोज 1-2 किलो गालियां खा रहे हैं...

जब एक श्रोता ने उनसे उनकी सेहत का राज पूछा तो पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 20 साल से वह रोज 1-2 किलो गालियां खा रहे हैं...

इससे पहले उन्होंने कहा कि मैंने कभी लिखा था- जो लोग मुझे पत्थर फेंकते हैं, मैं उस पत्थरों से ही रास्ता बना देता हूं और उसी पर आगे बढ़ता हूं। मेरा कॉन्सेप्ट टीम इंडिया का रहा है। सरकार रुकावट बनना बंद कर दे ना तो भी देश आगे बढ़ जाता है।

आलोचना लोकतंत्र की सबसे सुंदर चीज

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आलोचना लोकतंत्र की सबसे सुंदर चीज है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की भी आलोचना होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि अगर इसमें विरोध या आलोचना न हो तो वह लोकतंत्र नहीं हो सकता। मैं मानता हूं कि लोकतंत्र की उत्तम खूबसूरती आलोचना ही है। मोदी सरकार की भरपूर आलोचना होनी चाहिए, हर प्रकार से आलोचना होनी चाहिए। इसी से लोकतंत्र पनपता है। सरकारों और प्रशासन में बैठे लोगों को भी इसे सौभाग्य मानना चाहिए।

मोदी ने कहा कि आलोचना मेरी चिंता नहीं है। आलोचना के लिए शोध और मेहनत करनी पड़ती है। बारीकी में जाना पड़ता है, आंकड़े और इतिहास निकालना पड़ता है। आज किसी के पास इतना समय ही नहीं है। आज सबको ब्रेकिंग न्यूज देने की जल्दी है। इसलिए आलोचना ने मर्यादाओं को तोड़कर आरोपों का रूप ले लिया है। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत आलोचना है और सबसे विनाशकारी चीज आरोप है। इसलिए आलोचना को पुरस्कृत करना चाहिए और आरोपों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

ऐतिहासिक हॉल में हुआ कार्यक्रम

बता दें कि लंदन के ऐतिहासिक वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में ‘भारत की बात सबके साथ' कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें दुनिया भर के लोगों को पीएम से सवाल पूछने का अवसर मिला। उनके प्रश्नों को फेसबुक, ट्विटर, नमो ऐप से प्राप्त किया गया। इस कार्यक्रम के लिए मॉडरेटर प्रसून जोशी रहे। कार्यक्रम के लिए जिस जगह का चुनाव किया गया है वह ऐतिहासिक है। वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल, यहां साल 1900 से ही बैठक स्थल रही है। यह वही स्थान है जहां सबसे पहले साल 1946 में संयुक्त राष्ट्र की पहली बैठक आयोजित हुई थी। इसने ऐतिहासिक शख्सियतों जैसे कि महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, विन्नी मंडेला और माइकल गोरबाचेव की भी मेजबानी की है। साल 1968 में एंड्रयू वेबर लॉयड के पहले सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए यही पहला मंच बना था।

 

 

 

 

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TAGS: Condemnation of Kathua Rape, Warning to Pakistan, PM, Bharat Ki Baat, Sabke Saath, London
OUTLOOK 19 April, 2018
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